जीरा और गुड़ खाने से दूर होंगी 7 बीमारियां

बढ़ा हुआ वजन टाइप-2 डायबिटीज और कई प्रकार के कैंसर का भी खतरा बढ़ा देता है और इस बारे में वैज्ञानिक प्रमाण भी उपलब्ध हैं। जबकि जीरे के पानी को उबालकर गुड़ के साथ इसका सेवन किया जाए तो वजन घटाने में प्रभावी रूप से मदद मिलती है। आप चाहें तो जीरे को भूनकर गुड़ के साथ खाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कई लोगों के द्वारा इसका सेवन वजन को घटाने के लिए मुख्य रूप से किया जाता है।
शरीर में खून की कमी को एनीमिया के नाम से जाना जाता है। यह समस्या मुख्य रूप से गर्भावस्था में महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशान करती है। जबकि गुड़ में मौजूद आयरन की भरपूर मात्रा का सेवन उचित मात्रा में किया जाए तो एनीमिया के खतरे को कई गुना तक कम किया जा सकता है। वहीं, जीरे को गुड़ के साथ खाने से ब्लड सर्कुलेशन भी काफी बेहतरीन हो जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। इसके कारण हृदय रोग से जुड़ी कई प्रकार की बीमारियां और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। जबकि जीरा और गुड़ में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करने के लिए प्रभावी रूप से कार्य कर सकती है। इसलिए जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है उन्हें जीरे और गुड़ का सेवन डॉक्टर की सलाह लेने के बाद नियमित रूप से जरूर करना चाहिए।
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए प्रमुख रूप से कैल्शियम पोषक तत्वों की जरूरत होती है। जबकि जीरा और गुड़ का सेवन भी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन के अनुसार, इन दोनों खाद्य पदार्थों में हड्डियों को मजबूत बनाने का गुण पाया जाता है। एक रिसर्च के बाद इसकी पुष्टि भी की गई है। इसलिए बुजुर्ग लोगों और खेलकूद में सक्रिय बच्चों के लिए जीरे और गुड़ का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए काफी लाभदायक रहेगा।
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हृदय रोग के कारण कई लोग हर साल अपनी जान गंवाते हैं। भारत में ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पूरी दुनिया में हृदय रोग के कारण सबसे ज्यादा मौत होती है। वहीं, गुड़ और जीरे का सेवन हृदय रोग से बचे रहने के लिए भी काफी लाभदायक असर दिखाता है। दरअसल, गुड़ और जीरा दोनों कार्डियोप्रोटेक्टिव एक्टिविटी रखते हैं। यह दिल से जुड़ी कई प्रकार की बीमारियों के खतरे को कई गुना तक काम कर सकते हैं। इसके कारण आप ह्रदय रोग की चपेट में आने से बचे रहेंगे।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए जीरे और गुड़ का सेवन काफी लाभदायक असर दिखाता है। इन दोनों खाद्य पदार्थों में एंटी ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसका सीधा असर इम्यून सेल्स को मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है। इसके कारण
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में
काफी मदद भी मिलती है और आप कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने से बचे रहते हैं।
हमारे शरीर की लगभग ज्यादातर बीमारियों की शुरुआत पेट से ही होती है। शरीर की लगभग सारी कार्यप्रणाली पाचन क्रिया से प्रभावित होती है जिसके कारण हमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं और हमारे शरीर के उसी हिसाब से कार्य करते हैं। इसलिए पेट के स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए जीरा और गुड़ प्रभावी रूप से मददगार साबित होंगे क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा पाई जाती है। फाइबर पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने का कार्य करता है और पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं से भी निजात दिलाता है।
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सर्दी, खांसी और फ्लू से परेशान लोगों के लिए जीरा और गुड़ रामबाण औषधि की तरह कार्य करेगा। गुड़ की तासीर गर्म होती है। गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ सर्दी और खांसी की समस्या से निजात दिलाने के लिए काफी प्रभावकारी माने जाते हैं। यही वजह है कि सर्दी, खांसी और फ्लू से जुड़े लक्षणों को दूर करने के लिए गुड़ का सेवन काफी हद तक आराम पहुंचा सकता है। खासकर जो लोग खांसी से परेशान हैं, उन्हें रात में सोने से पहले अदरक के छोटे टुकड़े के साथ गुड़ का सेवन करना काफी राहत दिलाएगा।
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