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AVN में खून की कमी से मरने लगती है हड्डियां, Ayurveda डॉक्टर से जानिए इसका इलाज

July 25, 2022 at 10:38AM
एवैस्कुलर नेक्रोसिस (Avascular-Necrosis) या AVN हड्डियों में होने वाली एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें खून की कमी से बोन टिशू मरने लगते हैं। आसान भाषा में इस स्थिति को हड्डी की मौत(Death of Bone) या हड्डियों का गलना भी कहते हैं। इसके अलावा आयुर्वेद में इसे 'अस्थि क्षय' या 'अस्थि मज्जा क्षय' भी कहते हैं। एवैस्कुलर नेक्रोसिस या ओस्टियो नेक्रोसिस की प्रक्रिया में आमतौर पर महीनों से लेकर सालों तक का समय लगता है। कुछ डेटा बताते हैं कि हर साल भारत में एवस्कुलर नेक्रोसिस के लगभग 16,000 नए मामले मिलते हैं। हालांकि इस बीमारी के प्रसार को लेकर अभी और सर्वे की आवश्यकता है। इस बीमारी में जल्द या बाद में कुल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी (Hip Replacement Surgery)की आवश्यकता होती है। क्योंकि एवस्कुलर नेक्रोसिस से प्रभावित होने वाला सबसे आम जोड़ कूल्हा होता है। क्या सर्जरी के अलावा भी एवीएन का उपचार संभव है? इसे जानने के लिए हमने बात की भारत के हजारों साल पुरानी चिकित्सा पध्दति आयुर्वेद के विशेषज्ञ डॉक्टर शरद कुलकर्णी से। उन्होंने बताया कि पर्याप्त मात्रा में खून न मिलने पर हड्डी कुछ समय के बाद सड़ने लग जाती है। आयुर्वेद में इसे पित्त द्रव (कड़वे जड़ी-बूटी) की मदद से ठीक किया जाता है।

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