Buy Essentials Here :

प्रोटीन के नाम पर खा रहे हैं खूब सोयाबीन? झेलने पड़ सकते हैं ये नुकसान, कितनी मात्रा में खाएं

September 30, 2021 at 10:40AM
आज के समय में जिम जाने वाले लोगों से लेकर वेगन लोगों के पास सोया उत्पाद ही उनके कैल्शियम और प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने का सबसे बेहतर स्रोत है। सोयाबीन आज भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है। इसी के बने सोया प्रोटीन भी बाजार में बहुत ज्यादा बिकते दिखाई देते हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि सोयाबीन के अंदर कैल्शियम, प्रोटीन, एमिनो एसिड, जिंक आयरन जैसे सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। लेकिन कहा जाता है ना कि हर चीज सही मात्रा में ही लाभ देती है। ऐसे में अगर आप सोया उत्पाद या सोयाबीन का सेवन अधिक करते हैं तो इससे आपका टेस्टोस्टेरोन लेवल बिगड़ सकता है। (1) इसके अलावा एलर्जी, कैंसर, और थायराइड से जुड़ी समस्या को भी यह पैदा कर सकता है। आज हम आपको अपने इस लेख में सोयाबीन के इन्हीं कुछ नुकसानों के बारे में बताएंगे। चलिए जानते हैं।

सोयाबीन एक ऐसी खाद्य सामग्री है जिसका सेवन दुनियाभर में बहुत ज्यादा किया जाता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि यह प्रोटीन का एक सबसे बड़ा स्रोत है। लेकिन क्या आप सोयाबीन से होने वाले नुकसानों के बारे में जानते हैं। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं।


Soy Bad or Good: प्रोटीन के नाम पर खा रहे हैं खूब सोयाबीन? झेलने पड़ सकते हैं ये नुकसान, कितनी मात्रा में खाएं

आज के समय में जिम जाने वाले लोगों से लेकर वेगन लोगों के पास सोया उत्पाद ही उनके कैल्शियम और प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने का सबसे बेहतर स्रोत है। सोयाबीन आज भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है। इसी के बने सोया प्रोटीन भी बाजार में बहुत ज्यादा बिकते दिखाई देते हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि सोयाबीन के अंदर कैल्शियम, प्रोटीन, एमिनो एसिड, जिंक आयरन जैसे सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं।

लेकिन कहा जाता है ना कि हर चीज सही मात्रा में ही लाभ देती है। ऐसे में अगर आप सोया उत्पाद या सोयाबीन का सेवन अधिक करते हैं तो इससे आपका टेस्टोस्टेरोन लेवल बिगड़ सकता है।

(1)

इसके अलावा एलर्जी, कैंसर, और थायराइड से जुड़ी समस्या को भी यह पैदा कर सकता है। आज हम आपको अपने इस लेख में सोयाबीन के इन्हीं कुछ नुकसानों के बारे में बताएंगे। चलिए जानते हैं।



थायराइड से संबंधी समस्या
थायराइड से संबंधी समस्या

अगर आप सोया उत्पाद का सेवन करते हैं तो इससे आपको हाइपरथाइरोइडज्म का खतरा पैदा हो सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति को गोएटर और ऑटोइम्यून थायराइड डिजीज की दिक्कत होने लगती है।

ऐसा तब भी होता है जब शरीर में आयोडीन की कमी हो जाए। इसके अलावा सोया उत्पाद थायराइड के लिए दी जाने वाली दवा के काम में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है। हालांकि अब तक इस पर कुछ खास शोध नहीं हुए हैं। इसलिए यह थायराइड की समस्या के लिए कितना जिम्मेदार यह कहना थोड़ा मुश्किल है।

(2)

खाने में ज्‍यादा हल्‍दी डालेंगे तो करेगी नुकसान, किडनी में पत्‍थर और पेट हो सकता है खराब



​टेस्टोस्टेरोन इंबैलेंस
​टेस्टोस्टेरोन इंबैलेंस

सोयाबीन के उत्पादों जैसे सोया प्रोटीन को लेकर अक्सर लोगों में एक डर रहता है कि यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है। ऐसा ही कुछ हाल ही में हुआ शोध भी बताता है। इस शोध में करीब 12 पुरुषों को लिया गया जिन्हे रोजाना 56 ग्राम सोया प्रोटीन दिया गया।

जिसके बाद पाया गया कि इनमें से कुछ लोगों में

टेस्टोस्टेरोन का स्तर

19 प्रतिशत तक कम हो गया।

(3)

इसके अलावा कहा तो यह भी जाता है कि सोया प्रोटीन के सेवन से मेल रिप्रोडक्टिव फंक्शन पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन अभी इस पर किसी तरह का शोध नहीं हुआ है। इसलिए यह कह पाना बिल्कुल सही नहीं होगा कि यह पुरुषों के लिए पूरी तरह नुकसानदायक है।

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने के लिए पुरुषों को रोज करना चाहिए इनमें से किसी भी 2 फूड्स का सेवन



​हो सकती है एलर्जी
​हो सकती है एलर्जी

सोयाबीन के सेवन से या उसके द्वारा बनाए गए उत्पादों की वजह से बच्चों में या वयस्कों में किसी तरह की एलर्जी की समस्या होने लगती है। हालांकि कुछ लोगों में यह एलर्जी आगे चलकर खत्म हो जाती है। जबकि कुछ बच्चों में यह पूरी जिंदगी बनी रहती है। हालांकि यह एलर्जी बहुत ही साधारण होती है, इसमें व्यक्ति को दस्त, उल्टी, मुंह में झनझनाहट, खुजली जैसी समस्या होती है, जो कि सामान्य ही रहती है। यानी यह किसी तरह का भयावह रूप नहीं लेती। ऐसे में अगर आपको सोया उत्पाद खाने के बाद इस तरह के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं तो अपनी जांच कराएं। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव हो तो सोया उत्पादों से दूरी बनाकर रखें।



​कैंसर का कारण
​कैंसर का कारण

सोया आइसोफ्लेवोंस आपके शरीर में कैंसर को कोशिका को पैदा कर सकता है। सोया आइसोफ्लेवोंस एस्ट्रोजन संबंधी ब्रेस्ट कैंसर का भी कारण बन सकता है ऐसा इसलिए भी क्योंकि इसमें एस्ट्रोजन इफेक्ट्स होते हैं। हालांकि कुछ अध्ययन यह भी कहते हैं कि इसके जरिए ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौत में कमी आई है। ऐसे में सोया आइसोफ्लेवोंस कैंसर पैदा करने के लिए कितना जिम्मेदार है। यह जानने के लिए कुछ ठोस रिसर्च की आवश्यकता है



​अल्जाइमर और डिमेंशिया
​अल्जाइमर और डिमेंशिया

पहले के समय में सोया के खाद्य पदार्थों का उपयोग पकाकर ही किया जाता था। जिससे सोया के अंदर मौजूद कुछ नुकसानदायक तत्व नष्ट हो जाते थे। लेकिन अब बहुत से सोया उत्पादों का सेवन कच्चा ही किया जाता हैं। जिसकी वजह से इसके अंदर मौजूद खतरनाक तत्व बने रहते हैं और इसका असर आपके दिमाग और शरीर की महत्वपूर्ण प्रणाली पर पड़ता है। वहीं सोया आइसोफ्लेवोंस का असर कुछ लोगों के दिमाग पर भी पड़ता है इससे अल्जाइमर और डिमेंशिया की समस्या पैदा हो सकती है। अगर आपके परिवार में पहले किसी को यह समस्या हुई हो और आप इन समस्याओं के लक्षण देख रहे हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।



​आपको किन सोया उत्पादों से बचना चाहिए?
​आपको किन सोया उत्पादों से बचना चाहिए?

सही प्रकार के सोया उत्पादों को चुनना आपको ऊपर बताए गए प्रतिकूल प्रभावों से बचा सकता है। यदि आपके शरीर में आयोडीन की कमी या थायरॉइड असंतुलन की समस्‍या है तो प्राकृतिक सोया खाद्य पदार्थों का चुनाव करें।



​एक दिन में कितना सोया खाना सुरक्षित है?
​एक दिन में कितना सोया खाना सुरक्षित है?

यूएस एफडीए के मुताबिक, रोजाना 25 ग्राम सोया का सेवन सुरक्षित लगता है। सोया की यह मात्रा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद कर सकती है।

(4)





Share and aware:Health Facts

Popular posts from this blog

बिना डायटिंग के टमाटर खाकर वजन करें कंट्रोल

थायराइड मरीज कैसे चेक करें अपनी टेस्‍ट रिपोर्ट, जानें क्‍या होता है T1, T2, T3, T4 और TSH का मतलब

लखनऊ यूनिवर्सिटी ने बीए राजनीति विज्ञान के 3rd-5th सेमेस्टर का रिजल्ट किया जारी