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बेबस महसूस करता है इंसान, दिमाग ऐक्टिव रहता है और शरीर शांत

June 30, 2020 at 06:03PM
एक ऐसी स्थिति होती है, जब व्यक्ति दिमाग से तो जगा हुआ होता है लेकिन उसका शरीर सो रहा होता है। इस दौरान लाख कोशिश करने के बाद भी इंसान हिल-डुल नहीं पाता और अपनी मदद के लिए चिल्लाकर किसी को बुला भी नहीं पाता... क्योंकि उसकी जॉ लाइन यानी जबड़े का निचला हिस्सा उसका साथ नहीं देता है। आइए, जानते हैं क्यों हो जाती है ऐसी स्थिति और क्या है इसका उपचार... क्या है स्लीप पैरालिसिस? इस दौरान व्यक्ति कॉन्शस तो होता है लेकिन चाहकर भी अपने शरीर को ऐक्टिव नहीं कर पाता है। वह अपने हाथ और पैर को हिलाने की कोशिश करता है लेकिन ऐसा नहीं कर पाता। वह मूवमेंट करने की कोशिश करता है लेकिन उसका शरीर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं देता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जब व्यक्ति को सबकुछ समझ आ रहा होता है, वह अनुभव कर पाता है कि उसके साथ क्या हो रहा है। लेकिन अपनी समस्या को दूर करने की उसकी हर कोशिश नाकाम रहती है। ये मेंटल कंडीशन्स होती हैं इस बीमारी की वजह... -जब इंसान बहुत अधिक स्ट्रेस में हो या बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित हो तब भी स्लीप पैरालिसिस जैसी समस्या हो सकती है। -जिन लोगों के सोने और जागने का नियमित समय नहीं होता है, उन्हें भी इस तरह की समस्या हो सकती है। -कोकीन का नशा करनेवाले लोगों को खासतौर पर स्लीप पैरालिसिस होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। कब-कब होती है यह समस्या? -आमतौर पर तीन स्थितियों में स्लीप पैरालिसिस की कंडीशन बनती है। इनमें नींद का शुरुआती चरण यानी जब व्यक्ति सोने की कोशिश कर रहा होता है। दूसरी स्थिति है, जब व्यक्ति गहरी नींद से तुरंत जगा ही होता है और तीसरी स्थिति है झपकी लेना। यानी बहुत थकान के बाद जब व्यक्ति कुछ समय के लिए सो जाए या पॉवर नैप ले तब भी इस तरह की स्थिति बन सकती है। क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं? -स्लीप पैरालिसिस के दौरान अलग-अलग व्यक्तियों को अलग-अलग तरह की दिक्कत हो सकती है। जैसे, कुछ लोग बोल नहीं पाते और अपनी गर्दन को सीधा करने की कोशिश करते हैं लेकिन ऐसा कर नहीं पाते हैं। -कुछ लोगों को पूरे शरीर में ही ऐसा अनुभव होता है कि उनका शरीर बिल्कुल हिल नहीं रहा है, जबकि वे अपने शरीर को हिलाने-डुलाने की पूरी कोशिश कर रहे होते हैं। -इस दौरान व्यक्ति को हैलुसिनेशन्स होते हैं। जो चीजें नहीं हैं उनके होने का आभास होता है या किसी अजीब तरह की ध्वनि सुनाई दे सकती है। -स्लीप पैरालिसिस के समय व्यक्ति को एंग्जाइटी भी हो रही होती है। यानी एंग्जाइटी, अजीब आवाज सुनाई देना और चाहकर भी शरीर को मूव ना करा पाने की स्थिति का सामना करना पड़ता है। स्लीप पैरालिसि, हेलुसिनेशन और एंग्जाइटी एक साथ होने की स्थिति को कैटाप्लेक्सी (cataplexy) कहते हैं।


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