पेशंट के पैर हो जाते हैं सुन्न और नहीं भरते हैं घाव
May 29, 2020 at 08:07PM
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डायबिटीज के मरीजों में अगर ब्लड शुगर का स्तर लंबे समय तक अधिक बना रहता है तो उन्हें हार्ट की बीमारी का खतरा कहीं अधिक बढ़ जाता है। साथ ही ऐसा होने पर उनके पैरों में सूजन और घाव जैसी दिक्कतें भी होने लगती हैं। कुछ लोगों में पैर सुन्न हो जाते हैं। आमतौर पर ऐसे शुगर के पेशंट्स को पैरों से जुड़ी दो तरह की समस्याएं होती हैं... डायबेटिक न्यूरॉपेथी (Diabetic Neuropathy) अनियंत्रित डायबिटीज पेशंट की नर्व्स को डैमेज कर सर सकती है। अगर डायबिटीज के कारण मरीज के पैरों में पिंडलियों (Calf) और तलुओं की नर्व्स डैमेज हो जाती हैं तो पेशंट को शरीर के इस हिस्से में ठंडे, गर्म का अहसास होना बंद हो जाता है। साथ ही किसी तरह का दर्द भी इस हिस्से में महसूस नहीं होता है। शरीर में संवेदनशीलता खत्म कर देनेवाली इस स्थिति को डायबेटिक न्यूरॉपेथी कहते हैं। पैर में सुन्नता की समस्या इसलिए बढ़ जाती है अगर मरीज डायबेटिक न्यूरॉपेथी के कारण अपने पैर में किसी तरह की चोट या फुंसी को महसूस नहीं कर पाता है तो इसमें इंफेक्शन फैलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। धीरे-धीरे यह इंफेक्शन बड़े घाव का रूप ले सकता है। क्योंकि पैरों की मसल्स डैमेज हो जाने के कारण यहां की नर्व्स ठीक से काम नहीं कर पाती हैं। ऐसे में शरीर के इस हिस्से में सेल्स की रिपेयरिंग की प्रक्रिया भी बहुत धीमी हो जाती है। इससे घाव भरने में बहुत अधिक लगता है। कई केसेज में पेशंट का घाव कभी भर ही नहीं पाता है। ऐसे में उन्हें हर दिन पट्टी बदलनी पड़ती है। पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (Peripheral Vascular Disease) डायबीटीज केवल शरीर के किसी एक हिस्से पर अपना असर नहीं दिखाती बल्कि यह ब्लड के फ्लो को भी प्रभावित करती है। ब्लड फ्लो कम होने के कारण शरीर में लगी किसी चोट या घाव को भरने में बहुत वक्त लगता है। हाथ और पैर में ब्लड का कम फ्लो होना पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज कहलाती है। जो लोग इस परेशानी से जूझ रहे होते हैं उनमें अल्सर और गैंगरीन जैसी समस्या होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। शुगर के कारण पैरों में इंफेक्शन के प्रकार डायबिटीज के कारण पेशंट के पैरों में कई तरह के इंफेक्शन होते हैं। इनमें फंगल इंफेक्शन, एथलीट फूट, सेल्युलस, कॉर्न्स, फफोले, बनियन, ड्राई स्किन, डायबीटिक अल्सर, हैमर टो यानी अंगूठे का मुड़ जाना। अंदर की तरफ टॉन्सिल होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेहत को लेकर बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। यदि शुरुआती स्तर पर ही आप अपने खान-पान का ध्यान रखकर आगे बढ़ेंगे तो आपको शुगर की बीमारी से जुड़ी ऐसी गंभीर स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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