पैरों और हथेलियों में पसेब की समस्या है तो ऐसा करें
April 30, 2020 at 10:07PM
Share and aware:Health127

पसीना लगभग हर व्यक्ति को आता है। लेकिन पसेब आने की दिक्कत हर व्यक्ति को नहीं होती है। हथेलियों और पैर के तलुओं में पसेब की समस्या आमतौर पर उन लोगों को होती है, जो किसी तरह के मानसिक दबाव या तनाव से जूझ रहे होते हैं। हालांकि कभी-कभी यह दिक्कत किसी अन्य शारीरिक समस्या के कारण भी हो सकती है... पसीने और पसेब में अंतर -आमतौर पर लोग पसीना और पसेब को एक ही समझते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। इन दोनों के बीच एक टेक्निकल अंतर यह होता है कि पसीना हमेशा त्वचा के रोम छिद्रों से यानी उन स्किन पोर्स से आता है, जहां हल्के बाल या रोए होते हैं। -जबकि पसेब केवल हथेली और तलुओं में आता है। यानी त्वचा के उस हिस्से से जहां बाल या रोए नहीं होते हैं। कई बीमारियों का संकेत -पैरों और हाथों में पसेब आने की दिक्कत कई बीमारियों का संकेत भी हो सकती है। जबकि ये गर्मी में कुछ लोगों को सिर्फ बढ़े हुए तापमान के कारण भी परेशान कर सकते हैं। लेकिन इसका जुड़ाव कहीं ना कहीं मानसिक तनाव से जरूर होता है। फिर चाहे वह किसी समस्या के चलते हो या फिर मौसम के बढ़े हुए तापमान से। -पैर के तलुओं या हथेलियों में पसेब आने की दिक्कत आमतौर पर उन लोगों को होती है, जो चिंतालु प्रवृत्ति के होते हैं। एक ही बात पर लगातार सोचते रहते हैं और किसी भी घटनाक्रम को भुलाना जिनके लिए बहुत मुश्किल काम होता है। मानसिक सेहत का रखें ध्यान -अगर किसी व्यक्ति को हथेलियों में और पैर के तलुओं में पसेब आने की समस्या हो रही हो तो उन्हें अपनी डायट और अपनी लाइफस्टाइल को मैनेज करने का प्रयास करना चाहिए। -अगर अच्छी लाइफस्टाइल के बाद आप इस समस्या से निजात नहीं पाते हैं तो आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। क्योंकि यह समस्या इस बात का संकेत करती है कि आप मानसिक तनाव या चिंता से जूझ रहे हैं। -ये दोनों ही ऐसी स्थितियां होती हैं, जिन्हें अगर समय रहते ट्रीट ना किया जाए तो ये व्यक्ति को अवसाद यानी डिप्रेशन की तरफ धकेल सकता है। इन लोगों के साथ होती है अधिक समस्या -आयुर्वेद के अनुसार, पैरों और हथेलियों में पसेब आने की समस्या ज्यादातर उन लोगों के साथ होती है, जो चिंतालु प्रवृत्ति के होते हैं। -ये लोग सोचते अधिक हैं लेकिन जितना सोचते हैं उसकी तुलना में परफॉर्म नहीं कर पाते हैं। साथ ही इनके दिमाग में हर समय कोई ना कोई थॉट प्रॉसेस चलता रहता है। -लगातार सोच-विचार में उलझे रहने के कारण ये लोग अपने काम को उतने अच्छे तरीके से अंजाम नहीं दे पाते, जैसा देने की चाहत रखते हैं। इस कारण इन्हें अपनी इच्छा के अनुरूप रिजल्ट भी नहीं मिल पाता। -इससे तनाव और अधिक बढ़ जाता है। इस दौरान पैर के तलुओं और हथेलियों में पसेब की समस्या बढ़ जाती है। क्योंकि पैर अक्सर जूतों में बंद रहते हैं, इस कारण पैरों में तेज स्मेल आने लगती है। पसेब से मुक्ति पाने के लिए ऐसा करें - पैरों से स्मेल आने की परेशानी कम करने के लिए चिंता दूर करने का प्रयास करें। आप जितना सोचते हैं उतना शारीरिक प्रयास भी करें ताकि कार्य का परिणाम मिले और आपको तनाव कम हो। अपने काम को सिस्टमेटिक ढंग से करें ताकि आपको आपकी इच्छा के अनुसार परिणाम मिले ना कि आप चिंता से ग्रसित हों। -शाकाहारी भोजन का अधिक से अधिक सेवन करें। गर्मी के मौसम में सॉक्स पहनने हो तो कॉटन के सॉक्स पहने। नायलॉन के मौजे पहनने से बचें। इससे पैरों की त्वचा सांस ले पाएगी।
Share and aware:Health127