डकटर न बतए मल इनफरटलट क 4 इलज Sperm Count म हग सधर
June 28, 2023 at 12:25PM
'टेम्पोरल ट्रेंड्स इन स्पर्म काउंट' शीर्षक से प्रकाशित मेडिकल लिटरेचर की नए विश्लेषण के अनुसार, पिछले 50 वर्षों के दौरान दुनिया भर में शुक्राणुओं की संख्या (Sperm Count) में 50 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है। इससे पता चलता है कि क्यों प्रजनन क्षमता में कमी पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ती समस्या का रूप ले चुकी है और भारत भी इस मामले में कोई अपवाद नहीं है। इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रीप्रोडक्शन के आंकड़ों के मुताबिक, आज 10 से 14 फीसदी भारतीय लोग प्रजनन क्षमता में कमी की समस्या से जूझ रहे हैं।बैंगलोर स्थित मिलन फर्टिलिटी एंड बर्थिंग हॉस्पिटल में कंसलटेंट रिप्रोडक्टिव मेडिसिन डॉ. विनोद कुमार के अनुसार, पुरुषों में प्रजनन क्षमता की कमी की कई वजह हो सकती हैं जिनमें खराब लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, अन्हेल्दी डाइट, शराब और स्मोकिंग आदि शामिल हैं। इसके अलावा जेनेटिक, प्रदूषण, टेस्टीक्यूलर इन्फेक्शन और हार्मोनल में गड़बड़ी भी इसके कारण हैं। पुरुषों की बढ़ती उम्र की वजह से भी शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या में गिरावट आ सकती है। हालांकि, सब कुछ निराशाजनक हो, ऐसा नहीं है। आधुनिक टैक्नोलॉजी ने पुरुषों की प्रजनन क्षमता की कमी की समस्या को ठीक करना संभव बना दिया है क्योंकि अब उपचार के कई उपयुक्त विकल्प उपलब्ध हैं।
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'टेम्पोरल ट्रेंड्स इन स्पर्म काउंट' शीर्षक से प्रकाशित मेडिकल लिटरेचर की नए विश्लेषण के अनुसार, पिछले 50 वर्षों के दौरान दुनिया भर में शुक्राणुओं की संख्या (Sperm Count) में 50 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है। इससे पता चलता है कि क्यों प्रजनन क्षमता में कमी पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ती समस्या का रूप ले चुकी है और भारत भी इस मामले में कोई अपवाद नहीं है। इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रीप्रोडक्शन के आंकड़ों के मुताबिक, आज 10 से 14 फीसदी भारतीय लोग प्रजनन क्षमता में कमी की समस्या से जूझ रहे हैं।बैंगलोर स्थित मिलन फर्टिलिटी एंड बर्थिंग हॉस्पिटल में कंसलटेंट रिप्रोडक्टिव मेडिसिन डॉ. विनोद कुमार के अनुसार, पुरुषों में प्रजनन क्षमता की कमी की कई वजह हो सकती हैं जिनमें खराब लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, अन्हेल्दी डाइट, शराब और स्मोकिंग आदि शामिल हैं। इसके अलावा जेनेटिक, प्रदूषण, टेस्टीक्यूलर इन्फेक्शन और हार्मोनल में गड़बड़ी भी इसके कारण हैं। पुरुषों की बढ़ती उम्र की वजह से भी शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या में गिरावट आ सकती है। हालांकि, सब कुछ निराशाजनक हो, ऐसा नहीं है। आधुनिक टैक्नोलॉजी ने पुरुषों की प्रजनन क्षमता की कमी की समस्या को ठीक करना संभव बना दिया है क्योंकि अब उपचार के कई उपयुक्त विकल्प उपलब्ध हैं।
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