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दूसरों की सेहत सुधारने वाले डॉक्टर खुद कैसे रखते हैं अपना ध्यान, जानिए डॉक्टरों के जीवन के 4 चक्र

July 01, 2022 at 09:41AM
भारत में 1 जुलाई को 'राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस' या नेशनल डॉक्टर्स डे (National Doctors’ Day) के रूप में मनाता है और यह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। यह दिन उन सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को समर्पित होता है, जो मानव जीवन को बचाने में लगे हुए हैं। इस खास अवसर पर यह जानने की कोशिश करेंगी कि दूसरों स्वास्थ्य सुधारने वाले किसी डॉक्टर का खुद का स्वास्थ्य कैसा होता है। दिल्ली स्थित फोर्टिस अस्‍पताल में न्‍यूरोसर्जरी की डायरेक्‍टर एवं एचओडी डॉ सोनल गुप्‍ता के अनुसार, दिल की सेहत की सुरक्षा के लिए शारीरिक व्‍यायाम बेहद महत्‍वपूर्ण होता है। स्ट्रेस यानि तनाव आज के दौर में काफी बढ़ गया है और यह ब्रेन तथा हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है। दुर्भाग्‍यवश, डॉक्‍टरों के जीवन में तनाव बहुत अधिक रहता है और व्‍यायाम न के बराबर होता है। हिंदु शास्‍त्रों के अनुसार किसी भी व्‍यक्ति के जीवन के चार चरण होते हैं जिन्‍हें आश्रम कहते हैं। ये हैं- ब्रह्मचर्य, गृहस्‍थ, वानप्रस्‍थ, संन्‍यास। रोचक बात यह है कि डॉक्‍टरों के जीवन में भी इसी प्रकार चार चरण आते हैं।

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