WHO का दावा- सिर्फ कोरोना से ही नहीं, इन 20 जानलेवा बीमारियों से भी बचाती है वैक्सीन

Vaccine benefits: डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि वैक्सीन न सिर्फ कोरोना जैसे वायरस बल्कि 20 अन्य गंभीर बीमारियों के लिए भी उपयोगी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय कोरोना की वैक्सीन इस बीमारी के खिलाफ सबसे कारगर हथियार है।

कोरोना वायरस (Coronavirus)
पिछले दो साल से पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है। कोरोना के तेजी से फैलने वाले वेरिएंट
ओमीक्रोन (Omicron variant)
ने सबसे ज्यादा तबाही मचा रखी है। कोरोना ने दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले ली है और कई जिंदगियां तबाह हो गई हैं। कोरोना का कोई स्थायी इलाज नहीं है। हालांकि तमाम एक्सपर्ट्स मान वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ प्रभावी हथियार मान रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि टीका लगवाने के बाद गंभीर रूप से पीड़ित होने और मौत के जोखिम को कम किया जा सकता है।
के आने के बाद से ही लोगों को दूसरी बीमारियों का भी डर सता रहा है।
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
ने एक बड़ी जानकारी साझा की है। डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि वैक्सीन न सिर्फ कोरोना जैसे वायरस बल्कि 20 अन्य गंभीर बीमारियों के लिए भी उपयोगी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय कोरोना की वैक्सीन इस बीमारी के खिलाफ सबसे कारगर हथियार है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीस से अधिक बीमारियों की सूची जारी की है, जिन्हें टीका लगवाकर रोका जा सकता है। इन बीमारियों में
, सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer), हैजा (Cholera), डिप्थीरिया (Diphtheria), इबोला (Ebola), हेप बी (Hep B), इन्फ्लुएंजा (Influenza), जापानी एन्सेफलाइटिस (Japanese encephalitis), खसरा (Measles), मेनिनजाइटिस (Meningitis), कण्ठमाला (Mumps), काली खांसी (Pertussis), निमोनिया (Pneumonia), पोलियो (Polio), रेबीज (Rabies), रोटावायरस (Rotavirus), रूबेला (Rubella), टेटनस (Tetanus), टाइफाइड (Typhoid), चेचक (Varicella) और पीला बुखार (Yellow Fever) हैं।
It is of utmost importance for children to continue to receive the recommended childhood vaccines for other infecti… https://t.co/9reS9GMqlp
— World Health Organization (WHO) (@WHO) 1643398070000
ओमीक्रोन को हल्के में न लें
कई विशेषज्ञ यह सुझाव दे रहे हैं कि नया संस्करण हल्का है और हल्के सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हैं लेकिन डॉक्टरों ने इसे हल्के में लेने के खिलाफ चेतावनी दी है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि
एक सामान्य सर्दी की तरह नहीं है क्योंकि कई मामले देखे गए हैं जिनमें रोगी को असपताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है और यहां तक की कुछ लोगों की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। संक्रमित होने के बाद ठीक हुए बहुत से लोगों में लॉन्ग कोविड के लक्षण भी देखे गए हैं।
ओमिक्रॉन के लक्षण

यह डेल्टा की तुलना में हल्का है लेकिन तेजी से फैलता है। इसके लक्षणों में हल्का
, गले में खराश, शरीर में अत्यधिक दर्द, रात को पसीना आना, नाक बहना, छींक आना, उल्टी और भूख न लगना जैसे लक्षण शामिल हैं।
दक्षिण अफ्रीका के मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ एंजेलिक कोएट्ज़ी
ने बताया कि जिन रोगियों को इस प्रकार का निदान किया जा रहा है उनमें गंध या स्वाद की कमी महसूस होना कोई संकेत नहीं दिखा। इसके अलावा रोगियों में, भरी हुई, बंद नाक या बहुत अधिक तापमान का कोई मामला सामने नहीं आया है।
ओमिक्रॉन से निपटने के उपाय

से निपटने के लिए अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। लक्षण महसूस होने पर उनकी निगरानी करना और टेस्ट रिजल्ट आने तक दूसरों से अलग रहना कुछ ऐसे बुनियादी उपाय हैं जिन्हें आपको फॉलो करना चाहिए। साथ ही लोगों को ठीक होने के बाद लापरवाही नहीं करनी चाहिए। भले ही आप निगेटिव हों, बेहतर महसूस करें क्योंकि आपका शरीर अभी भी ठीक होने के चरण में है और अपनी ऊर्जा को पुनर्जीवित करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता है। इस दौरान डॉक्टर आराम करने, सही खाना खाने और हाइड्रेटेड रहने की सलाह देते हैं।
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