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सुबह खाली पेट 1 चम्मच खाएं 5 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का पाउडर, पूरे दिन नहीं बढ़ेगा Blood Sugar

January 31, 2022 at 09:41AM
मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes) एक खतरनाक बीमारी है, जो बहुत तेजी से फैलती जा रही है। इसे ब्लड शुगर (Blood Sugar) की बीमारी भी कहा जाता है। यह बीमारी शरीर में ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन को प्रमुख रूप से प्रभावित करती है। इसमें अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। दुर्भाग्यवश डायबिटीज का कोई इलाज स्थायी इलाज नहीं है और इसे सिर्फ बेहतर डाइट और एक्सरसाइज के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। कई कारक जो डायबिटीज का कारण बनते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, तनाव, जेनेटिक, अधिक वजन और गतिहीन जीवन शैली इसके प्रमुख कारण हैं। डायबिटीज के मरीजों को मोटापा और दिल के रोग जैसी बीमारियों का खतरा भी अधिक होता है। डायबिटीज के मरीजों को अपने खाने में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करने की आवश्यकता होती है, जिनसे उनका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रह सके। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो आप आयुर्वेद में मौजूद डायबिटीज के कुछ हर्बल उपचार (Diabetes ayurvedic treatment) भी आजमा सकते हैं। यह आयुर्वेदिक उपाय ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और स्थिति को बिगड़ने से बचाने में मददगार हो सकते हैं। कहा जाता है कि ये हर्बल उपचार इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं और अग्न्याशय को मजबूत करके ब्लड शुगर को कंट्रोल रखते हैं।

Blood Sugar kam kaise kare: आयुर्वेदिक उपाय ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और स्थिति को बिगड़ने से बचाने में मददगार हो सकते हैं। कहा जाता है कि ये हर्बल उपचार इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं और अग्न्याशय को मजबूत करके ब्लड शुगर को कंट्रोल रखते हैं।


Ayurveda for Diabetes: सुबह खाली पेट 1 चम्मच खाएं 5 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का पाउडर, पूरे दिन नहीं बढ़ेगा Blood Sugar

मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes)

एक खतरनाक बीमारी है, जो बहुत तेजी से फैलती जा रही है। इसे ब्लड शुगर (Blood Sugar) की बीमारी भी कहा जाता है। यह बीमारी शरीर में ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन को प्रमुख रूप से प्रभावित करती है। इसमें अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। दुर्भाग्यवश डायबिटीज का कोई इलाज स्थायी इलाज नहीं है और इसे सिर्फ बेहतर डाइट और एक्सरसाइज के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है।

कई कारक जो

डायबिटीज का कारण

बनते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, तनाव, जेनेटिक, अधिक वजन और गतिहीन जीवन शैली इसके प्रमुख कारण हैं। डायबिटीज के मरीजों को मोटापा और दिल के रोग जैसी बीमारियों का खतरा भी अधिक होता है। डायबिटीज के मरीजों को अपने खाने में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करने की आवश्यकता होती है, जिनसे उनका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रह सके।

अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और

ब्लड शुगर को कंट्रोल

करना चाहते हैं, तो आप आयुर्वेद में मौजूद

डायबिटीज के कुछ हर्बल उपचार (Diabetes ayurvedic treatment)

भी आजमा सकते हैं। यह आयुर्वेदिक उपाय ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और स्थिति को बिगड़ने से बचाने में मददगार हो सकते हैं। कहा जाता है कि ये हर्बल उपचार इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं और अग्न्याशय को मजबूत करके ब्लड शुगर को कंट्रोल रखते हैं।



गुरमार
गुरमार

गुरमार को जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे के रूप में जाना जाता है। यह एक बारहमासी लकड़ी की बेल है जो भारत, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगती है। इसमें कुछ यौगिक होते हैं जिनमें फ्लेवोनोल्स और गुरमारिन शामिल होते हैं जिनका

डायबिटीज

रोगियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दोपहर और रात के खाने के आधे घंटे बाद एक चम्मच गुड़मार के पत्तों का चूर्ण पानी के साथ लें। यह शरीर में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को विनियमित करने में मदद कर सकता है।



सदाबहार का पाउडर
सदाबहार का पाउडर

सदाबहार को पेरिविंकल के रूप में जाना जाता है और यह भारत में आमतौर पर पाई जाने वाली जड़ी-बूटी है। इसकी गहरे हरे रंग की पत्तियां

टाइप-2 डायबिटीज

के लिए प्राकृतिक औषधि के रूप में कार्य करती हैं। आपको ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए कुछ ताजी पत्तियों को चबाना है। इसे इस्तेमाल करने का दूसरा तरीका है सदाबहार के पौधे के गुलाबी रंग के फूल लेकर उन्हें एक कप पानी में उबाल लें। पानी को छानकर रोज सुबह खाली पेट पिएं।



विजयसार का पाउडर
विजयसार का पाउडर

इसे वैज्ञानिक रूप से

टेरोकार्पस मार्सुपियम

के रूप में जाना जाता है। विजयसार को ब्लड शुगर को काबू में रखकर डायबिटीज को अच्छी तरह से कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है। यह इस जड़ी बूटी के एंटी-हाइपरलिपिडेमिक गुण हैं जो शरीर में कुल

कोलेस्ट्रॉल

, कम घनत्व वाले लिपो-प्रोटीन और सीरम ट्राइग्लिसराइड के लवेल को कम करने में मदद करते हैं। उएह डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में मदद करता है जिसमें बार-बार पेशाब आना, अधिक खाना और अंगों में जलन शामिल है। यह पाचन तंत्र में सुधार करता है और अग्न्याशय में इंसुलिन उत्पादन स्तर को बढ़ाता है। विजयसार के गिलास आसानी से उपलब्ध हैं। आपको बस इतना करना है कि गिलास में पानी डालकर रात भर के लिए छोड़ दें। इसे सुबह सबसे पहले पिएं। आप पाउडर के रूप में भी विजयसार का सेवन कर सकते हैं।



गिलोय का पाउडर
गिलोय का पाउडर

गिलोय का वैज्ञानिक नाम टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया

है और इसे अमरता की जड़ के रूप में जाना जाता है। पौधे की पत्तियां ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं। प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह एक बेहतरीन जड़ी बूटी है। इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण हानिकारक मुक्त कणों से लड़ते हैं। यह एक नैचुरल एंटी-

डायबिटीज

दवा है जो चीनी की लालसा को दबाती है। इसके अलावा, यह अग्न्याशय के बीटा कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाती है। यह रक्त में इंसुलिन और ग्लूकोज को कंट्रोल रखती है। गिलोय पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में भी मदद करता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में महत्वपूर्ण है। आप गिलोय पाउडर या जड़ी बूटी की पत्तियों और छाल को पानी में डालकर सुबह जल्दी पी सकते हैं।





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