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कोविड ही नहीं इन 5 और बीमारियों ने बनाया साल 2021 को खराब

December 22, 2021 at 09:48AM
मानव जीवन के शायद बीते दो साल सबसे भयावह रहे। इनमें पहले साल यानी 2020 में तो केवल कोरोना ने ही लोगों को अपनी चपेट में लिया और लाखों लोगों को मौत की नींद सुलाया। लेकिन 2021 हमारे देश के लिए और भी ज्यादा खतरनाक रहा। एक तरफ जहां कोरोना जैसी बीमारियों ने हजारों युवाओं को मौत की नींद सुला दिया। वहीं दूसरी मच्छरों के कारण होने वाली समस्या जैसे डेंगू और चिकनगुनिया नें बच्चों समेत सभी को खासा परेशान किया। इस साल यूपी के अंदर डेंगू के मामलों में करीब 5 गुना बढ़ोतरी देखी गई। इसके अलावा कई दूसरी बीमारियां थी जिसने 2021 में लोगों की परेशानी बढ़ाई। आइए जानते हैं ऐसी ही 5 बीमारियों के बारे में।

साल 2021 हमारे देश के लिए बीमारियों से भरा रहा। एक तरफ जहां देशवासियों को कोरोना का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ डेंगू, चिकनगुनिया ने भी जमकर कहर बरसाया। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बीमारियों के बारे में जो पूरे साल सुर्खियों में रही।


Yearender 2021: इस साल सिर्फ कोविड ही नहीं, इन 5 बीमारियों ने भी जमकर बरसाया लोगों पर कहर

मानव जीवन के शायद बीते दो साल सबसे भयावह रहे। इनमें पहले साल यानी 2020 में तो केवल कोरोना ने ही लोगों को अपनी चपेट में लिया और लाखों लोगों को मौत की नींद सुलाया। लेकिन 2021 हमारे देश के लिए और भी ज्यादा खतरनाक रहा। एक तरफ जहां कोरोना जैसी बीमारियों ने हजारों युवाओं को मौत की नींद सुला दिया।

वहीं दूसरी मच्छरों के कारण होने वाली समस्या जैसे

डेंगू और चिकनगुनिया

नें बच्चों समेत सभी को खासा परेशान किया। इस साल यूपी के अंदर डेंगू के मामलों में करीब 5 गुना बढ़ोतरी देखी गई। इसके अलावा कई दूसरी बीमारियां थी जिसने 2021 में लोगों की परेशानी बढ़ाई। आइए जानते हैं ऐसी ही 5 बीमारियों के बारे में।



​ब्लैक फंगस
​ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस या म्यूकोर्मिकोसिस

एक ऐसी समस्या जिसने कोविड से ठीक हुए लोगों को बड़ी मात्रा में अपनी चपेट में लिया। हालांकि इस समस्या से केवल वह लोग ही प्रभावित हुए, जो कोविड के दौरान पूरी तरह के दवाओं या स्टेरॉयड पर ही निर्भर थे। आपको बता दें कि ब्लैक फंगस म्यूकोरमाईसीटस नाम के मोल्ड की वजह से होता है। इस समस्या में मरीज को तुरंत ही डॉक्टर के उपचार की जरूरत होती है।

लेकिन इस समस्या का जुड़ाव कुछ डायबिटीज से भी था। यानी जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या थी उन लोगों को इस बीमारी ने अधिक प्रभावित किया। इस बीमारी के दौरान व्यक्ति को कई समस्याएं हुई जैसे

आंखों की रोशनी धुंधली होना

, सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत होना, चेहरे एक साइड पर दर्द, आदि। इसके अलावा ब्लैक फंगस की वजह से ब्रेन डैमेज भी हो सकता है।



​ब्‍लड क्‍लॉटिंग और हार्ट प्रॉब्‍लम
​ब्‍लड क्‍लॉटिंग और हार्ट प्रॉब्‍लम

इस साल कोविड की वजह से ही दिल के दोरों में भी खासी वृद्धि देखी गई थी। दरअसल इस दौरान जो लोग पहले से ही हृदय की समस्या से पीड़ित थे। उन्हें कोविड होने के बाद उनकी स्थिति बिगड़ी और इन लोगों को अधिक हृदय समस्याओं का सामना करना पड़ा। इस दौरान लोगों में कई लक्षण देखने को मिले, जैसे सांस लेने में दिक्कत आना, दर्द होना और अचानक से धड़कनों में गड़बड़ी होना। इसके अलावा लोगों में मायोकार्डिटिस, हृदय में सूजन, लो ब्लड पंपिंग कैपेसिटी, हार्ट फेलियर, ब्लड क्लॉटिंग और हृदय की अनियमित धड़कन जैसी स्थिति का भी लोगों को सामना करना पड़ा।



​मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम
​मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम

यह भी

कोविड से ठीक होने के बाद

होने वाली स्थिति है। यह कोविड के बाद होने वाली सबसे खतरनाक जटिलताओं में से एक है। आपको बता दें कि मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के दौरान व्यक्ति को सूजन की समस्या हृदय में, फेफड़ों में, रक्त वाहिकाओ में, किडनी में, पाचन तंत्र में, स्किन और आंख में रहने लगती है। इस समस्या के दौरान व्यक्ति पर कई लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे बुखार, उल्टी, पेट में दर्द,

त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ना

और सिरदर्द आदि।



​एवैस्कुलर नेक्रोसिस
​एवैस्कुलर नेक्रोसिस

ब्लैक फंगस के अलावा पोस्ट कोविड स्थितियों में से एक यह भी रही। एवैस्कुलर नेक्रोसिस होने की वजह भी कोविड के दौरान स्टेरॉयड का सेवन था। यह रोग ऑस्टियो नेक्रोसिस या हड्डियों के टिशू की मृत्यु के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल इस समस्या के दौरान हड्डियों में खून की कमी हो जाती है और हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं, जो आगे चलकर आसानी से टूट सकती है।

यूं तो इस बीमारी के कोई शुरुआती लक्षण तो देखने को नहीं मिले। लेकिन इस स्थिति में पहले हड्डियां बहुत हल्की टूटती है जिसकी वजह से थोड़ा बहुत दर्द होता है। पर कुछ समय बाद यह हड्डियों को पूरी तरह टूटने की वजह बन जाती है। इस समस्या के दौरान व्यक्ति को लेटते समय भी दिक्कत महसूस हो सकती है।

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​डेंगू
​डेंगू

हम सभी जानते हैं कि

डेंगू की समस्या

हर साल ही दस्तक देती है। ज्ञात हो कि यह समस्या डेंगू के मच्छर के काटने की वजह से होती है। इस दौरान व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह दिक्कत व्यक्ति की गंभीरता पर निर्भर करती है। अगर डेंगू अधिक खतरनाक स्थिति में नहीं है तो बुखार, जोड़ों में दर्द, स्किन पर रैशेज पड़ना, उल्टी आना, तेज सिर दर्द आदि का सामना करना पड़ता है। वहीं डेंगू की स्थिति अगर थोड़ी गंभीर हो तो इसमें मसूड़ों, नाक, मुंह से खून आने की समस्या होने लगती है। इसके अलावा प्लेट्स कम होना, इंटरनल ब्लीडिंग, दस्त, ऐंठन, स्किन पर खून के निशान, तेज बुखार, चिपचिपी त्वचा और पेट में दर्द होने लगता है।

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इन सब के अलावा डेंगू का सबसे खतरनाक रूप भी देखने को मिला था और वह डेंगू शॉक सिंड्रोम। इसमें व्यक्ति को लो ब्लड प्रेशर, हैलुसिनेशन, ऑक्सीजन का मस्तिष्क तक न पहुंचना, तेज बुखार, उल्टी और पेट में जोर से दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।





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