आयुर्वेदिक डॉक्टर की 6 आसान टिप्स में छिपा है पेट की सभी बीमारियों का इलाज, खर्च नहीं होगा एक भी रुपया

पाचन (digestion) एक आम समस्या है जिससे हर रोज लाखों लोग जूझते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर ने पेट की समस्याओं के लिए आसान टिप्स बताए हैं।

ये बात तो हम सभी जानते हैं कि पाचन तंत्र (digest system) हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वही एक सिस्टम है जिसकी बदौलत हम शरीर के लिए जरूरी चीजों को डाइजेस्ट करते हैं और एनर्जी पाते हैं। लेकिन जब पाचन खराब (Poor digestion) या कहें डिस्टर्ब हो जाता है तो हम तमाम तरह की पेट संबंधी समस्याओं से जूझते हैं जिनमें एसिडिटी, कब्ज, गैस्ट्रिक परेशानी, सिरदर्द, त्वचा की समस्याएं, एनीमिया, विटामिन की कमी जैसे विभिन्न लक्षण हैं।
खराब पाचन तंत्र भोजन को अच्छी तरह से अवशोषित करने में असमर्थ होता है और इसी वजह से हम कई समस्याएं झेलते हैं। बहुत से लोग लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करते हैं लेकिन इससे अच्छा है आप इसके आसान समाधान खोजें।बहरहाल, यहां हम आपको डाइजेशन को अच्छा करने के आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार के कुछ बढ़िया टिप्स साझा कर रहे हैं। आप इन्हें बिना किसी टेंशन के आजमा सकते हैं और इनसे कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं होंगे।
डॉ. ने बताए बिना दवा के पेट की हर समस्या का उपचार

डॉक्टर दीक्षा ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने पेट के स्वास्थ्य में सुधार लाने के कुछ तरीके बताए हैं। डॉ. लिखती हैं, 'अब जब हम जानते हैं कि हमारे पेट के स्वास्थ्य (gut health) पर काम करना हमारी प्रतिरक्षा (Immunity) में सुधार करने और सभी पाचन समस्याओं से हमेशा के लिए छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है, तो हमें इस पर बिना देर किए तुरंत काम कर देना चाहिए। लेकिन कैसे?'
पोस्ट में डॉ. बताती हैं कि आप बिना पैसे खर्च किए और बगैर दवा के अपनी गट हेल्थ को ठीक कर सकते हैं। बर्शते आपको अपनी दिनचर्या में कुछ चीजों को शामिल करना होगा और फिर फर्क देखें कि कैसे आपकी ये समस्याएं झट से दूर होंगी।
भोजन के बाद वज्रासन मुद्रा में बैठें

जब भी आप भोजन करते हैं तो फिनिश करने के बाद आपको सबसे पहले लेटना या सोफे पर नहीं बैठना चाहिए। खाने के बाद आपको वज्रासन मुद्रा में बैठना चाहिए। यह आपके पेट में रक्त परिसंचरण (blood circulation) में सुधार करता है जिससे पाचन और अवशोषण (Digestion & absorption) आसान हो जाता है।
लंच के भोजन में हमेशा छाछ का सेवन करें

छाछ के बारे में कहा गया है कि 'जो व्यक्ति दही से बने बटरमिल्क (buttermilk) का प्रतिदिन सेवन करता है, उसे रोग नहीं होते हैं और छाछ बीमारी से ठीक होने वाले व्यक्ति को दोबारा रोग की पेट में नहीं आने देता है। ये मानो हम जैसे मनुष्यों के लिए देवताओं के अमृत के समान है।' छाछ, कफ और वात को कम करने वाले पाचन में सुधार करता है।
फलियां और मेवे को भिगोकर खाएं

फलियां और नट्स में फाइटिक एसिड होता है जो हमारी आंत के लिए उनसे पोषक तत्वों को अवशोषित करना मुश्किल बना देता है। इन्हें भिगोकर खाने से फाइटिक एसिड बाहर निकल जाता है जिससे हमारी आंत के लिए भोजन को पचाना और उपलब्ध पोषक तत्वों को अवशोषित करना आसान हो जाता है।
कच्चे स्प्राउट्स और सब्जियों से बचें

कच्चे भोजन को अच्छी तरह से मेटाबोलाइज करने के लिए अच्छी गट हेल्थ की जरूरत होती है। जब आप जानते हैं कि आपकी अग्नि पहले से ही कमजोर है, तो कच्चा भोजन इसे और वीक कर देगा। ऐसे में ये आपको फूला हुआ और असहज महसूस कराएगा। इसलिए हमेशा पका हुआ खाना ही खाएं।
अलग-अलग नेचर के फूड को एक साथ लेने से बचें

विरुद्ध आहार (Incompatible foods) जैसे फल और दूध, मछली और दूध, शहद और गर्म पानी, ठंडा और गर्म भोजन एक साथ लेने से आपका पाचन खराब हो जाता है। इस तरह के भोजन का एक साथ सेवन करने से आपका मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय धीमा हो जाता है जिससे डाइजेशन में समस्या आती है। इसलिए इस तरह से एक साथ सब चीजें न खाएं।
रोजाना 5000 स्टेप्स चलें

डॉ. अपने पोस्ट के लास्ट में रोज 5 हजार स्टेप्स चलने का सुझाव देती हैं। वे लिखती हैं, 'मूववेंट नॉन नेगोशिएबल यानी गैर-परक्राम्य है। यदि आप अपने शरीर को हिलाते नहीं हैं- तो आपके पाचन में सुधार नहीं होगा। अगर आप व्यायाम करने में बहुत व्यस्त हैं, तो कम से कम 5 हजार कदम चलने डेली चलें जिससे आपको अपने पाचन में सुधार करने में मदद मिलेगी। तो आजमाएं ये आसान टिप्स और फिर देखें बदलाव।'
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