कोरोना से ठीक हुए मरीजों के अब उड़ रहे बाल, आसान है इसका इलाज; बस इन चीजों का रखना होगा ख्याल

कोरोना से रिकवर होने के डेढ़ से दो महीने बाद बाल झड़ने की समस्या देखने को मिल रही है। यदि शुरुआत में ही इसकी पहचान कर ली जाए तो जल्द ही बाल झड़ने को रोका जा सकता है।

कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोगों में कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखी जा रही हैं। इनमें थकान, सांस लेने में परेशानी, हार्ट, डिप्रेशन, स्ट्रेस से लेकर बाल झड़ने जैसी समस्याएं शामिल हैं। इसमें बाल झड़ने की समस्या थोड़ी नई है। पहली लहर में कोरोना से ठीक होने के बाद कुछ ही लोगों में यह समस्या देखी गई थी, लेकिन दूसरी लहर में इसके मामले बढ़ गए हैं।
कोरोना से रिकवर हुए कई लोगों का कहना है कि कंघी करने पर, नहाने पर, बालों में हाथ मारने पर बाल टूटकर हाथ में आ जाते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास भी इस तरह के मामले बढ़े हैं। पोस्ट कोविड में बाल क्यों झड़ रहे हैं, क्या है इसका इलाज, कैसे बालों को झड़ने से रोका जा सकता है, इस बारे में सिमरनजीत सिंह ने बात की सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ. अमरेंद्र झा से। पढ़िए यह रिपोर्ट...
(फोटो साभार: istock by getty images)
रिकवर होने के कितने दिन बाद झड़ने लगते हैं बाल?

डॉ. अमरेंद्र झा का कहना है कि कोरोना से रिकवर होने के डेढ़ से दो महीने बाद
देखने को मिल रही है। यदि शुरुआत में ही इसकी पहचान कर ली जाए तो जल्द ही बाल झड़ने को रोका जा सकता है। अमूमन इलाज शुरू करने के डेढ़ से दो महीने बाद इस समस्या से निजात मिल जाती है और बाल झड़ने की समस्या कम हो जाती है या बाल झड़ने पूरी तरह से बंद हो जाते हैं।
पोस्ट कोविड में क्यों झड़ते हैं बाल?

उनका कहना है कि पोस्ट कोविड में बाल झड़ने का मुख्य कारण डिप्रेशन और स्ट्रेस है। दरअसल हमारी हेयर ग्रोथ के दो फेज होते हैं। पहला ग्रोइंग फेज और दूसरा रेस्टिंग फेज। हमारे 70 से 80 प्रतिशत बाल ग्रोइंग फेज में होते हैं और बाकी बचे रेस्टिंग फेज में होते हैं। जब हमें डिप्रेशन होता है या अन्य किसी तरह से तनाव बढ़ता है और यह कुछ दिनों तक जारी रहता है तो हमारे ग्रोइंग फेज के 50 प्रतिशत बाल रेस्टिंग फेज में चले जाते हैं और जब 50 प्रतिशत बाल रेस्टिंग फेज में जाएंगे तो उसके बाद हेयर लॉस जैसी समस्या पैदा हो जाती है। इस समस्या को मेडिकल टर्म में टेलोजन एफ्लूवियम कहते हैं।
इलाज के दौरान भी स्ट्रेस से बचना है बेहद जरूरी

डॉ. झा बताते हैं कि स्ट्रेस हेयर लॉस के मुख्य कारणों में से एक है। यदि आप स्ट्रेस लेंगे तो हेयर लॉस जारी रहेगा। अगर आप इसका इलाज करवा रहे हैं तो उस दौरान यह ध्यान रखें कि आपको किसी भी तरह का स्ट्रेस नहीं लेना है। यदि आप स्ट्रेस लेते हैं तो इलाज से कोई फायदा नहीं होगा और समस्या बरकरार रहेगी।
आप किसी स्पोर्ट्स का सहारा ले सकते हैं, अपनी पसंदीदा फिल्म देख सकते हैं, किताब पढ़ सकते हैं।
अगर कोरोना की वजह से है हेयर लॉस तो ऐसे करें ठीक

उनका कहना है कि यदि कोरोना संक्रमित होने की वजह से पोस्ट कोविड में हेयर लॉस की समस्या हो रही है तो इसे घर पर रहकर ही दो चीजों से दूर किया जा सकता है। पहला हेल्दी डायट और दूसरा मेंटल स्ट्रेस को कम करके। हेल्दी डायट लेना बेहद जरूरी है जिसमें प्रोटीन, आयरन जैसी चीजें मौजूद हों। यदि कोरोना की वजह से बाल झड़ रहे हैं तो किसी अन्य तरह की दवा की जरूरत नहीं है लेकिन यदि लंबे समय तक हेयर लॉस की समस्या रहती है तो मेडिकेशन के जरिए ही इलाज करना पड़ता है।
किस तरह की डायट लेना है जरूरी

डॉ. अमरेंद्र झा ने बताया कि कोरोना की वजह से पोस्ट कोविड में हो रहे हेयर लॉस से छुटकारा पाने के लिए खानपान का खास ख्याल रखना पड़ेगा। खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने की जरूरत है। यदि आप नॉनवेज खाते हैं तो आपको मीट और अंडा जरूर खाना चाहिए। इनमें अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है जो हमारे
करता है। वहीं अगर कोई वेजिटेरियन है तो सोयाबीन, दाल, पनीर आदि खा सकता है। इनमें भी काफी प्रोटीन होता है। इसी तरह आयरन से भरपूर चीजें जैसे पालक, हरे पत्ते वाली सब्जी के अलावा दिन में 4 से 5 लीटर पानी पीना चाहिए।
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पहले समस्या समझना है जरूरी, उसके बाद इलाज

में ट्रीटमेंट शुरू करने के डेढ़ से दो महीने बाद समस्या लगभग खत्म हो जाती है लेकिन यदि यह समस्या खत्म नहीं होती और लगातार बाल झड़ते रहते हैं तो यह जानना जरूरी है कि क्या
के लिए कोई और कारक जिम्मेदार तो नहीं है। इसका मैनेजमेंट या इलाज तभी हो सकेगा जब असली कारण का पता चलेगा। स्कैल्प की इमेजिंग करने से यह पता चल जाता है कि आखिर समस्या क्या है। समस्या पता चलने के बाद इलाज करना बेहद आसान हो जाता है।
तीन तरीके से होता है इलाज

डॉ. झा का कहना है कि इलाज तीन तरीके से होता है। पोस्ट कोविड में यदि समस्या नहीं रुक रही है तो पहले मिनोक्सिडिल और फेनेस्ट्रेइड जैसी दवाएं दी जाती हैं। यह
कारगर हैं। यह जेल, लोशन आदि के रूप में उपलब्ध होती हैं। अगर इससे भी फर्क ना पड़ रहा हो तो दूसरा तरीका है प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा। यह काफी प्रभावी इलाज है। इसमें जिस व्यक्ति का इलाज करना होता है, उसकी नस से थोड़ा ब्लड निकालकर उसको सेंटरव्यू करते हैं और जो प्लाज्मा प्लेटलेट्स से भरपूर है, उसे स्कैल्प के ऊपर डालते हैं। इस तकनीक से अमूमन हेयर लॉस की समस्या दूर हो जाती है लेकिन यदि इससे भी समस्या दूर ना हो तो हेयर ट्रांसप्लांट आखिरी ऑप्शन बचता है।
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