किन्हें है कोविड के डेल्टा वेरिएंट का सबसे ज्यादा खतरा? कैसे करें जानलेवा संक्रमण से बचाव? जानें

डेल्टा वेरिएंट को कोरोना वायरस की दूसरी लहर का जिम्मेदार माना जा रहा है और अब डेल्टा प्लस वेरिएंट ने लोगों को चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों ने इसे लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है और ये भी बताया है कि किन पर इस वेरिएंट का सबसे अधिक खतरा है।

Covid delta Plus Variant:
कोरोनावायरस की दूसरी लहर बहुत सी कठिनाइयां और चुनौतियां लेकर आई। इस संकट में न जाने कितनों ने अपनों को खोया है और कितने ही मासूम अनाथ हुए हैं। इस लहर में व्यक्ति न सिर्फ शारीरिक तौर पर कमजोर हुआ है बल्कि उसका दिमागी संतुलन भी डगमगाया हुआ है। हालांकि, अब दूसरी लहर के प्रसार की रफ्तार धीमी पड़ती दिख रही है लेकिन अब लोग डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट से खौफ खा रहे हैं। जो तीसरी लहर के रूप में मानव जीवन पर एक खतरा बनकर कहर बरपा सकता है। शुरुआत में बुजुर्ग लोग डेल्टा वेरिएंट की चपेट में आए लेकिन अब लगता है कि बाकी आबादी पर इसका खतरा मंडरा रहा है।
जानकारों दावा कर रहे है कि डेल्टा और डेल्टा प्लस दोनों ही वेरिएंट हम सभी के लिए चिंता का विषय हैं। हाल ही में, सरकारी अधिकारियों ने कहा कि डेल्टा प्लस वेरिंयट म्यूटेशन के बाद अधिक घातक है। उन्होंने दावा किया कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के फैलने की क्षमता बढ़ सकती है।
डेल्टा प्लस के खिलाफ असरदार हैं वैक्सीन?

कोविड वैक्सीन का निर्माण अल्फा वेरिएंट को ध्यान में रखकर किया गया था। लेकिन अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट और नए उभरते वेरिएंट वैक्सीन द्वारा निर्मित एंटीबॉडी को आसानी से पार करने की क्षमता रखते हैं। वैज्ञानिकों ने यह भी चिंता जताई है कि नए वेरिएंट में ऐसे गुण होते हैं जिनके जरिए वे इम्यून सिस्टम से भी अपना बचाव कर सकते हैं। आसान भाषा में कहें तो कोविड के नए वेरिएंट्स वैक्सीन की इम्यूनिटी को चकमा देने में कामयाबी हासिल कर सकते हैं।
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किन्हें आसानी से अपना शिकार बनाता है डेल्टा प्लस?

यूके के अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, डेल्टा वेरिएंट कोरोना के सभी प्रकारों में सबसे प्रमुख हैं। अब तक के सारे मामलों को ध्यान में रखते हुए पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड का दावा है कि कम उम्र के लोगों, नॉन वैक्सीनेट यानी बिना टीकाकरण वाले और आंशिक रूप से वैक्सीन (partially vaccinated) लगवाने वाले लोगों को डेल्टा संक्रमण का खतरा ज्यादा खतरा है।
डेल्टा के कारण किस उम्र के लोगों की थमी सांसें ?

वहीं दूसरी ओर, आंकडों में डेल्टा के कारण होने वाली मौतों के 117 मामले थे, जिनमें से अधिकांश लोग 50 वर्ष से अधिक उम्र के थे। इस संक्रमण से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 6 लोग 50 से कम और बिना टीकाकरण वाले थे, जबकि 2 को आंशिक रूप से टीका लगाया गया था।
4. क्या हैं संक्रमण से बचाव के कदम?

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि बुजुर्ग और यंग जनरेशन दोनों को डेल्टा वेरिएंट का अधिक खतरा है। उन्होंने कहा, जब इतने सारे नए रूप सामने आ रहे हैं, तो सतर्क रहना हमारी जिम्मेदारी और कर्तव्य है। ऐसे में हमें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है जिनमें डबल मास्किंग, सोशल डिस्टेसिंग और साफ-सफाई शामिल है। इसके अलावा जितनी जल्दी हो सके वे अपना वैक्सीनेशन कराएं। इसके गंभीर जोखिम को कम करने का टीकाकरण ही एक मात्र बेहतर तरीका है।
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