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जानें पैकेट वाला दूध, टेट्रा पैक या कच्चा दूध; कौन-सा होता है अच्‍छा

February 27, 2021 at 08:48AM
दूध हमारे शरीर के अंदर बहुत से पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। हड्डियों से लेकर दांतों तक और शरीर के विकास में एक अहम रोल अदा करता है। लेकिन किस तरह का दूध अधिक फ़ायदेमंद है, यह जानना भी बेहद जरूरी है। भारतीय बाजार में दूध तीन तरह से मिलता है। पहला होता है लोकल डेयरी के जरिए। यह डेयरी सीधा पशुओं का दूध घरों तक पहुँचाते हैं, इसे लोग अधिक फ़ायदेमंद मानते हैं। दूसरा होता है प्लास्टिक पैक में आने वाला दूध जो आसानी से आस पास की दुकानों से मिल जाता है। तीसरा होता है टेट्रा पैक में आने वाला दूध। इस दूध को बनाने वाले निर्माता सबसे ज्यादा सुरक्षित और फ़ायदेमंद मानते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-सा दूध आपके लिए सबसे सही है।

दूध का सेवन फ़ायदेमंद है। लेकिन कौन-सा दूध आपके लिए सबसे सही है। बाजार में मिलने वाला प्लास्टिक पैक वाला या घर पर भेजे जाने वाला कच्चा दूध। या फिर टेट्रा पैक वाला दूध? आइए जानते हैं...


न करें सेहत से समझौता, जानें पैकेट वाला दूध, टेट्रा पैक या कच्चा दूध; कौन-सा होता है अच्‍छा

दूध हमारे शरीर के अंदर बहुत से पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। हड्डियों से लेकर दांतों तक और शरीर के विकास में एक अहम रोल अदा करता है। लेकिन किस तरह का दूध अधिक फ़ायदेमंद है, यह जानना भी बेहद जरूरी है।

भारतीय बाजार में दूध तीन तरह से मिलता है। पहला होता है लोकल डेयरी के जरिए। यह डेयरी सीधा पशुओं का दूध घरों तक पहुँचाते हैं, इसे लोग अधिक फ़ायदेमंद मानते हैं। दूसरा होता है प्लास्टिक पैक में आने वाला दूध जो आसानी से आस पास की दुकानों से मिल जाता है। तीसरा होता है टेट्रा पैक में आने वाला दूध। इस दूध को बनाने वाले निर्माता सबसे ज्यादा सुरक्षित और फ़ायदेमंद मानते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-सा दूध आपके लिए सबसे सही है।



​कच्चा दूध ( Raw Milk)
​कच्चा दूध ( Raw Milk)

इस दूध का उपयोग भारत के ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा किया जाता है। इस दूध को लोकल डेयरी पर पशुओं से प्राप्त किया जाता है। इसके बाद यह दूध हमारे घरों तक पहुंचाया जाता है। कच्चा दूध भी दो प्रकार का होता है, ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक।

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​ऑर्गेनिक कच्चा दूध
​ऑर्गेनिक कच्चा दूध

ऑर्गेनिक

दूध को सबसे शुद्ध दूध भी कह सकते हैं

। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दूध में किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं होती। आमतौर पर डेयरी के मालिक पशुओं से अधिक दूध प्राप्त करने के लिए उन्हें इंजेक्शन देते हैं। लेकिन ऑर्गेनिक दूध में इस तरह की भी मिलावट नहीं होती।



​इनऑर्गेनिक दूध
​इनऑर्गेनिक दूध

इस दूध को सेहत के लिए फ़ायदेमंद नहीं माना जाता, क्योंकि इन डेयरी के मालिक अक्सर पशुओं से दूध प्राप्त करने के लिए ना केवल उन्हे इंजेक्शन देते हैं, बल्कि चारा में भी मिलावट करते हैं। इसके अलावा कई डेयरी के मालिक चारे का खर्चा बचाने के लिए पशुओं को खुले में छोड़ देते हैं, जिसके बाद यह पशु कूड़ा कचरा तक खा लेते हैं। इससे दूध प्रदूषित हो जाता है। इसे इनऑर्गेनिक दूध कहा जाता है।



​क्यों है कच्चा दूध खतरनाक
​क्यों है कच्चा दूध खतरनाक

कच्चे दूध का उत्पादन आमतौर पर ग्रामीण इलाकों से शहरी क्षेत्रों तक किया जाता है। इस दौरान कुछ चीजें हैं जो इसे सवालों के घेरे में लेते हैं। जैसे क्या पशुओं का दूध निकालते समय साफ सफाई का ध्यान रखा गया, दूध निकालने के लिए पशुओं को कोई मेडिसीन या इंजेक्शन तो नहीं दिए गए, घरों तक पहुंचाने वाले बर्तनों की साफ सफाई ठीक से की गई या नहीं। हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि कच्चे दूध में पोषक तत्व होते ही नहीं हैं। बस इन्हीं कुछ चीजों को लेकर इसकी गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लग सकता है और यह नुकसानदायक भी हो सकता है।



​पैकेट वाला दूध
​पैकेट वाला दूध

यह पाश्चुरीकृत और होमोजिनाइज़ दूध है। यानी इस दूध को तैयार करने के लिए पहले गर्म किया जाता है और तुरंत ठंडा किया जाता है ताकि इसके अंदर से बैक्टीरिया और अशुद्धियां पूरी तरह निकल जाएं। यह तीन प्रकार का होता है। टोंड, डबल टोंड और फुल क्रीम दूध।

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​तीनों दूध में फर्क
​तीनों दूध में फर्क

फुल क्रीम दूध को पकाया नहीं जाता, लेकिन यह दूध भी पास्चुरीकृत और होमोजिनाइज होता है। इसके अलावा टोंड दूध और डबल टोंड दूध फुल क्रीम दूध से थोड़ा पतला होता है। इन तीन प्रकार के दूध में पोषक तत्वों की अलग अलग मात्रा होती है। यह शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी आसानी से मिल जाता है।



​टेट्रा पैक दूध
​टेट्रा पैक दूध

टेट्रा पैक दूध को सबसे ज्यादा सुरक्षित और पोषक तत्वों से निपुण भी माना जाता है। इस दूध को या तो अल्ट्रा उच्च तापमान (Ultra-High Temperature) पर गर्म किया जाता है, या फिर इसे उच्च तापमान पर कम समय (High-Temperature Short Time) तक रखा जाता है। इसे केवल कुछ ही सेकंड के लिए अधिक गर्म किया जाता है और फिर तुरंत ठंडा कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले सुक्ष्मजीव दूध से नष्ट हो जाते हैं। इस दूध को टेट्रा पैक में पैक कर दिया जाता है।

सिक्स लेयर्स टेट्रा पैक

टेट्रा पैक 6 लेयर्स का होता है। यानी इस दूध को सुरक्षित रखने के लिए 6 परतों में पैक किया जाता है। यह दूध कच्चे दूध और पैकेट वाले दूध के मुकाबले लंबे समय तक चलता है।



​दूध का चुनाव इन बातों को जानकर करें
​दूध का चुनाव इन बातों को जानकर करें

आपको ज्यादातर रिसर्च और आंकड़े टेट्रा पैक के फेवर में ही दिखाई देंगे। क्योंकि इसे पैक करने और इसे सुरक्षित रखने के विधि सबसे बेहतरीन है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य दूध फ़ायदेमंद नहीं हैं।

जबकि कच्चे दूध को लेकर बहुत से सवाल हैं जिनका कोई सटीक जवाब नहीं। इसकी वजह से ना केवल कच्चे दूध के शुद्ध होने पर बल्कि इसकी गुणवत्ता पर भी भरोसा करना थोड़ा मुश्किल है।

इसके अलावा अगर बात करें पैकेट बंद दूध की, तो इसे लेकर कुछ रिसर्च हुई हैं जो बताती हैं कि यह नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल जिस प्लास्टिक पैकेट में दूध रखा जाता है, इस प्लास्टिक में BPA (Chemical Bisphenol A) होता है, जो नुकसानदायक हो सकता है। रिसर्च बताती है कि जब भी यह प्लास्टिक सूरज की किरणों के सामने आती है तो इससे दूध में BPA शामिल हो सकता है।



​कौन-सा दूध सबसे सही
​कौन-सा दूध सबसे सही

अगर आप सही मायने में अपनी सेहत और अपने परिवार की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहते तो आपके लिए टेट्रा पैक दूध ही सबसे सही रहेगा। इसके बहुत से कारण हैं, जिनमें से एक है जिस तरह इसे तैयार किया जाता है। इसके अलावा इसमें किसी तरह की अन्य कोई मिलावट नहीं होती। साथ ही यह हाइजिनिक और लंबे समय तक इस्तेमाल करने में भी सुरक्षित है।





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