गंदी नाक वाले लोग तेजी से फैलाते हैं कोरोना का संक्रमण, यह है वजह
November 25, 2020 at 06:35PM
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पर्सनल हाइजीन हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। यह बात बचपन से ही टीचर्स और पैरंट्स बच्चों को बताते हैं। जैसे हाथ धोना, नाक साफ रखना, ब्रश करना इत्यादि। लेकिन कोरोना के समय में यह हाइजीन और भी जरूरी साबित हो रही है। क्योंकि ताजा रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों की नाक गंदी रहती है, वे अन्य लोगों की तुलना में कोरोना का संक्रमण अधिक तेजी से फैलते हैं... अमेरिका स्थित सेंट्रल फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में कोरोना पर की जा रही रिसर्च में यह बात सामने आई है कि गंदी नाक, पूरे दांत और जिन लोगों के मुंह में अधिक लार बनती है, वे लोग अन्य लोगों की तुलना में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैलाते हैं। गंदी नाक से ऐसे फैलता है कोरोना -शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति अपनी पर्सनल हाइजीन को लेकर जागरूक नहीं है और निजी अंगों की स्वच्छता का ध्यान नहीं रखता है, तो ऐसे लोग सुपर स्प्रेडर की तरह कोरोना का वायरस स्वस्थ लोगों में फैलते हैं। -वैज्ञानिक कहते हैं कि जो लोग अपनी नाक साफ नहीं रखते हैं, छींक आने के दौरान उनकी नाक से निकले ड्रॉफलेट्स मुंह और नाक में बने दबाव के कारण दूर तक जाते हैं। जबकि जिन लोगों की नाक साफ होती है, उनके ड्रॉपलेट्स ज्यादा दूर तक नहीं जाते हैं। इस कारण दूर तक संक्रमण फैलने का खतरा नहीं रहता है। मुंह में अधिक लार और पतले दांत भी जिम्मेदार -शोध में सामने आया है कि कोरोना का संक्रमण फैलाने में जितनी भूमिका उन लोगों की होती है, जिनकी नाक गंदी रहती है, उतनी ही भूमिका उन लोगों की होती है, जिनके मुंह में अधिक लार बनती है या जिन लोगों के दांत बहुत पतले होते हैं। - ऐसा इसलिए है क्योंकि छींकते समय मुंह की लार भी ड्रॉपलेट्स के रूप में शरीर से बाहर जाती है। जिन लोगों के मुंह में लार सामान्य मात्रा में बनती है, उनके मुंह से निकले ड्रॉपलेट्स अधिक दूर तक नहीं जा पाते हैं। -जबकि जिनके मुंह में अधिक लार बनती है, उनकी लार के ड्रॉपलेट्स छींक आने की स्थिति के दौरान मुंह और नाक में बने दबाव के कारण दूर तक जाते हैं। इससे हवा में वायरस का लोड बढ़ता है और वायरस अधिक दूरी तय करता है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। लार पतली होना भी है एक समस्या -मुंह में लार अधिक बनना ही नहीं बल्कि संक्रमित व्यक्ति लार यदि सामान्य से पतली है तो यह भी एक बड़ी समस्या है। क्योंकि गाढ़ी या मध्यम लार के मुकाबले पतली लार के ड्रॉपलेट्स हवा में दूर तक सफर करते हैं। यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति इनके संपर्क में आ जाए तो वह संक्रमित हो सकता है। -जबकि मीडियम थिकनेस और गाढ़ी लार हवा में ज्यादा देर तक नहीं रह पाती हैं और इनके ड्रॉपलेट्स बहुत जल्दी जमीन पर गिर जाते हैं। रिसर्च से जुड़े माइकल किंजेल का कहना है कि कोरोना वायरस सबसे अधिक संक्रमित लोगों द्वारा फैला है। पतले दांत भी बढ़ाते हैं तीव्रता -शोधकर्ता टीम का कहना है कि जिन लोगों के दांत पतले होते हैं या कहिए कि जिनके दो दांतों के बीच अधिक स्थान होता है और साथ ही उनके मुंह में पूरे दांत होते हैं, वे लोग भी सुपर स्प्रेडर की तरह संक्रमण फैलाते हैं। -ऐसा इसलिए होता है क्योंकि छींक आते समय नाक और मुंह पर जो दबाव पड़ता है, उससे मुंह की लार के ड्रॉपलेट्स हवा में जाते हैं। जिनके दांतों के बीच अधिक स्पेस होता है, उनके मुंह से निकलनेवाली लार की ड्रॉपलेट्स की गति दांतों की वजह से बढ़ जाती है। इस कारण भी कोरोना के संक्रमण को तेजी मिल रही है।
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