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फेफड़ों में जमा कफ को दूर करता है मीठे आलू का सेवन, अस्थमा में भी देता है राहत

November 30, 2020 at 11:32AM
सर्दी के मौसम में खांसी होना, बहुत अधिक कफ आना, सीने में जकड़न का अहसास होना जैसी समस्याएं बहुत सामान्य हैं। ज्यादातर लोगों को पूरे सीजन में एक से दो बार इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर आप उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें सीने में कफ जमा होने की समस्या और जकड़न की समस्या बहुत अधिक होती है। तो आप इस स्वादिष्ट फूड के माध्यम से सर्दियों में अपनी इस समस्या को दूर कर सकते हैं... क्या है मीठा आलू? -मीठा आलू नाम से शकरकंद को भी जाना जाता है। वैसे आलू अपनी प्रकृति और जहां उनकी खेती हुई है, उसके हिसाब से अलग-अलग तरह के गुणों से भरपूर होते हैं। लेकिन कुछ हिस्सों में शकरकंद को भी मीठा आलू ही कहा जाता है। इसलिए इसका अंग्रेजी नाम भी स्वीट पोटैटो (Sweet Potato) है। असेंशियल ऑइल-सा असर -आपने यदि असेंशियल ऑइल का उपयोग किया है तो आपको जरूर पता होगा कि लौंग का तेल, सौंफ का तेल, यूके लिपटिस का तेल, जैसमिन ऑइल इत्यादि के जो प्योर तेल होते हैं, किसी रोग के निदान में ये तेल जितने प्रभावी होते हैं, उतनी ही प्रभावी होती है इनकी खुशबू। -असेंशियल ऑइल्स में कुछ तेल बहुत ही लाइट होते हैं और इन तेलों की खुशबू के रूप में जो प्लांट के वोलाटाइल कंपाउंड्स (फिनॉलिक और टैरपीनॉइड्स) उड़ते हैं उन्हें हम सांस के साथ अंदर लेते हैं। ये हमें मानसिक और शारीरिक सुकून देते हैं और दर्द, तनाव और हॉर्मोन्स से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। शकरकंद भी करता है ऐसा असर - शकरकंद की खुशबू भी रोगों के निदान में बहुत प्रभावी भूमिका निभाती है। खासतौर से श्वसनतंत्र और ब्रेन से जुड़े रोगों में शकरकंद की खुशबू बहुत प्रभावी होती है। जब शकरकंद को गुड़ के साथ उबालकर इसका सेवन किया जाता है तो इसका स्वाद और खुशबू दोनों ही तन और मन को पुष्ट करने का कार्य करते हैं। अस्थमा के रोगियों के लिए भी जरूरी है शकरकंद -यदि आपको अस्थमा की समस्या है तो आपको सर्दियों के सीजन में शकरकंद का सेवन अवश्य करना चाहिए। यह आपके इंफेक्शन को कम करने और खांसी की समस्या में राहत देने का कार्य करती है। क्योंकि इसमें ऐंटिऑक्सीडेंट्स और विटमिन-सी की मौजूदगी एक ऐंटिएलर्जिक फूड के गुणों से भरपूर बनाती है। दर्द दूर करता है शकरकंद का पानी -जिन लोगों को गठिया और जोड़ों में दर्द की समस्या रहती है, उनके लिए शकरकंद का पानी बहुत अधिक लाभकारी होता है। शकरकंद उबालने के बाद आप जिस पानी को फालतू समझकर फेंक देते हैं, वह पानी गठिया जैसे भयानक दर्द को दूर करने में पेनकिलर जैसा काम करता है। -शकरकंद में जिंक, मैग्नीशियम, बीटा कैरोटीन, आयरन फॉस्फोरस और विटमिन-बी कॉम्प्लेक्स जैसे गुण पाए जाते हैं। ये सभी तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी होते हैं। जब शकरकंद को पानी में उबाला जाता है तो उबालने के बाद बचा पानी शकरकंद ऑइल की तरह ही गुणों से युक्त हो जाता है।


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