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ठंड का असर कम करती है अश्वगंधा की चाय, जानिए नियमित सेवन का सही तरीका

November 26, 2020 at 10:03AM
आयुर्वेद की सबसे प्रसिद्ध जड़ी बूटियों में अश्वगंधा का नाम टॉप पर है। ऐसा इस जड़ी-बूटी की खुबियों और उपयोग के आसान तरीकों के कारण भी है। अश्वगंधा को यह नाम इसलिए मिला है क्योंकि इसमें अश्व (घोड़ा) जैसी गंध आती है। साथ ही इसके सेवन से व्यक्ति को घोड़े जैसी स्फूर्ति और ताकत भी मिलती है। यहां जानें क्यों और कैसे महिलाओं और पुरुषों को अश्वगंधा की चाय बनाकर पीनी चाहिए...

सर्दी का असर कम करने के लिए हर दिन करें अश्वगंधा की चाय का सेवन। यहां जानें बनाने की विधि और उपयोग का तरीका...


ठंड का असर कम करती है अश्वगंधा की चाय, जानिए नियमित सेवन का सही तरीका

आयुर्वेद की सबसे प्रसिद्ध जड़ी बूटियों में अश्वगंधा का नाम टॉप पर है। ऐसा इस जड़ी-बूटी की खुबियों और उपयोग के आसान तरीकों के कारण भी है। अश्वगंधा को यह नाम इसलिए मिला है क्योंकि इसमें अश्व (घोड़ा) जैसी गंध आती है। साथ ही इसके सेवन से व्यक्ति को घोड़े जैसी स्फूर्ति और ताकत भी मिलती है। यहां जानें क्यों और कैसे महिलाओं और पुरुषों को अश्वगंधा की चाय बनाकर पीनी चाहिए...



सर्दियों में है अधिक लाभकारी
सर्दियों में है अधिक लाभकारी

-अश्वगंधा का सेवन एक दवाई के रूप में सालभर किया जाता है। लेकिन सर्दियों में सही तरह से इसका सेवन करके अतिरिक्त लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।

-अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। यह शरीर में आवश्यक मात्रा में पित्त की वृद्धि करती है। इससे सर्दियों में ठंड नहीं सताती है। जिन लोगों को अधिक ठंड लगती है, उन्हें अश्वगंधा की चाय का सेवन करना चाहिए।



दो रूपों में मिलती है अश्वगंधा
दो रूपों में मिलती है अश्वगंधा

-मार्केट में अश्वगंधा दो रूपों में मिलती है। एक है अश्वगंधा की सूखी हुई जड़ और दूसरा रूप है इस जड़ को पीसकर तैयार किया गया पाउडर।

-अब अश्वगंधा की चाय बनाने की विधि और इसके सेवन का तरीका इस बात पर निर्भर करता है कि आप अश्वगंधा के किस प्रकार का उपयोग कर रहे हैं। क्योंकि दोनों को उपयोग करने की विधि और मात्रा में काफी अंतर है।



अश्वगंधा पाउडर से चाय बनाने की विधि
अश्वगंधा पाउडर से चाय बनाने की विधि

-अश्वगंधा पाउडर से एक कप चाय बनाने के लिए आप सबसे पहले डेढ़ कप पानी को गैस पर उबलने के लिए रख दें। जब पानी तेज गर्म हो जाए तो उसमें 1 टी-स्पून (एक छोटा चम्मच) अश्वगंधा पाउडर डालें।

-इस पानी को तब तक पकाएं, जब तक यह 1 कप ना रह जाए। ध्यान रखें इसे जल्दी उबालने के लिए तेज आंच का उपयोग ना करें। बल्कि धीमी आंच पर 10 मिनट तक उबलने दें। आपके लिए अश्वगंधा की चाय तैयार है। यदि आप इसमें कुछ मीठा मिलाना चाहते हैं तो चीनी और गुड़ के उपयोग से बचें।

-इस चाय को हल्का ठंडा होने दें और फिर इसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन करें। ध्यान रखें कि बहुत गर्म दूध, चाय या पानी में शहद नहीं मिलाना चाहिए।

-अश्वगंधा की चाय में चीनी और गुड़ का उपयोग इसलिए ना करें क्योंकि अश्वगंधा खुद बहुत गर्म होती है और गुड़ भी गर्म तासीर का होता है। जबकि चीनी बनाने में कैमिकल प्रॉसेस का उपयोग किया जाता है।



अश्वगंधा की जड़ से चाय बनाने का तरीका
अश्वगंधा की जड़ से चाय बनाने का तरीका

-अश्वगंधा की जड़ का एक से डेढ़ इंच का टुकड़ा लें। यदि यह अधिक मोटी हो तो लंबाई में इसका साइज सिर्फ आधा से एक इंच रखें।

-एक कप चाय बनाने के लिए साढ़े तीन कप पानी को गैस पर गर्म होने के लिए रखें। जब पानी गर्म हो जाए तो अश्वगंधा की जड़ उसमें डाल दें। इसे धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि यह पानी 1 कप ना रह जाए।

-ध्यान रखें कि इस चाय को एक बार में एक कप नहीं पीना है। बल्कि एक कप चाय को दो लोग पिएं और दिन में सिर्फ एक बार ही इस चाय का सेवन करना है।



जरूर जान लें यह बात
जरूर जान लें यह बात

-जो लोग पूरी तरह स्वस्थ हैं लेकिन उन्हें सर्दी बहुत अधिक लगती है और इसके कारण बार-बार खांसी,जुकाम, बुखार इत्यादि की समस्या होती है रहती है, वे लोग अश्वगंधा की आधा कप चाय का नियमित सेवन कर सकते हैं।

-यहां अश्वगंधा की चाय के सेवन से जुड़ी जानकारी स्वस्थ लोगों के लिए दी गई है। यदि आपको किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है तो आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श करके ही इस औषधि का सेवन करें। क्योंकि आपके शरीर की जरूरत के हिसाब से वे आपको अलग मात्रा और तरीका बताएंगे।

-अश्वगंधा के सेवन से शरीर में पित्त की वृद्धि होती है। यदि आपके शरीर में पहले से ही पित्त बढ़ा हुआ रहता है तो आपको इस चाय के सेवन से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

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