पेट की गर्मी से बचना है तो नवरात्रि में इस तरह बनाएं व्रत का खाना
October 19, 2020 at 10:29AM
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नवरात्रि के व्रत में एक समय भोजन के दौरान ज्यादातर लोग कुट्टू का आटा या सिंघाड़े का आटा उपयोग करते हैं। साथ ही साबूदाना की खिचड़ी और टिक्की इत्यादि भी नवरात्रि के व्रत में खाई जाती हैं। आपको बता दें कि आमतौर पर ये सभी चीजें गरिष्ठ होती हैं। इसलिए इन्हें बनाते और खाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि आपके शरीर को इनसे सिर्फ लाभ प्राप्त हो... गरिष्ठ यानी तासीर में गर्म खाद्य पदार्थ। जो प्राकृतिक रूप से शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के साथ ही रोगों से लड़ने की क्षमता देते हैं। लेकिन यदि इनके सेवन के बाद या इनके साथ में ऐसी खाद्य वस्तुओं का उपयोग ना किया जाए जो शरीर को शांत और शीतल बनाए रखने का कार्य करती हैं तो आपको एसिडिटी, शरीर में गर्मी या पित्त बढ़ने की समस्या हो सकती है। आपको क्या करना है? -कुट्टू के आटे की पूड़ी, कचौड़ी, पराठा या पकौड़ी इत्यादि बनाते समय आप गाय के शुद्ध देसी घी का उपयोग करें। यदि आप देसी घी नहीं खाना चाहते हैं तो आपको फूड ग्रेड नारियल तेल का उपयोग करना चाहिए। -ऐसा करने से कुट्टू की गर्म तासीर में संतुलन स्थापित होता है। यदि नवरात्रि में आप हर दिन कुट्टू के आटे से बने भोजन का सेवन करते हैं तो आपको इस भोजन से दो घंटे पहले या दो घंटे बाद में दूध, छाछ या लस्सी का सेवन अवश्य करें। -दही और छाछ का सेवन आप कुट्टू की पकौड़ी के साथ भी कर सकते हैं। लेकिन मीठी लस्सी और छाछ का उपयोग कुट्टू से बना भोजन करने के कम से कम दो घंटे पहले या बाद में करें।
शरीर रहेगा शांत और शीतल -गाय के शुद्ध देसी घी, कोकोनट वर्जिन ऑइल और घर पर तैयार किए गए मक्खन में बने कुट्टू से तैयार भोजन को खाने पर व्रत के दौरान शरीर शीतल और मन शांत बना रहेगा। -दूध, दही, छाछ और लस्सी का सेवन आपके पाचनतंत्र को सही बनाए रखने में मदद करेगा। क्योंकि पूरा दिन अन्न ना खाने के बाद एक समय केवल कुट्टू से बना खाना खाने के कारण कई बार पाचन डिस्टर्ब हो जाता है और व्यक्ति को लूज मोशन की शिकायत हो सकती है। ऐसा कुट्टू की गर्म तासीर के कारण होता है।
व्रत के दौरान गाय के घी में बना भोजन करने के लाभ -गाय का घी सदैव ही सेहत के लिए लाभकारी होता है। यदि व्रत की बात करें तो इस दौरान गाय के घी में बना भोजन करने से पाचनतंत्र तो ठीक रहता ही है, साथ ही शरीर की आंतरिक सफाई होती है और मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। -कुट्टू, आलू, अरबी, साबूदाना, सिंघाड़े का आटा इत्यादि से बना भोजन यदि गाय के घी में तैयार किया जाए तो इसके पौषक तत्वों में कई गुना वृद्धि हो जाती है।


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