Waterborne Disease: पानी जनित रोगों से मुक्ति दिलाएंगी ये पांच चीजें

इस समय पानी के कारण होनेवाली बीमारियां बहुत तेजी से फैल रही हैं। यहां जानें कि अपने भोजन में ऐसा क्या उपयोग करें जो इनसे बचे रहें...

बरसात के मौसम में कई तरह से संक्रमण फैलने का डर रहता है। इस मौसम में संक्रामक बुखार के साथ ही, पानी के कारण होनेवाले संक्रामक (Infection) रोग बहुत तेजी से फैलते हैं। क्योंकि बरसात के सीजन में पानी में आसानी से संक्रमण फैल जाता है। यहां जानें, उन चीजों के बारे में जिन्हें अपनी डेली डायट में शामिल करने के बाद आप इन मौसमी संक्रमणों से अपना बचाव कर पाएंगे...
तुलसी बढ़ाए ताकत

-तुसली का उपयोग पानी से होनेवाले रोगों को शरीर पर हावी नहीं होने देता है। तुलसी में आयरन, ऐंटिऑक्सीडेंट्स, ऐंटिइंफ्लामेट्री गुण और ऐंटि बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं। ये सभी शरीर को निरोगी रखने का काम करती हैं।
पेट ठीक रखे और संक्रमण से बचाए

-जो लोग नियमित रूप से तुलसी का उपयोग करते हैं, उनका पेट आमतौर पर ठीक रहता है। बस मई-जून के महीने में तुलसी के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि तुलसी तासीर में गर्म प्रवृत्ति की होती है।
लहसुन है अमृत सरीखा

-लहसुन के बारे में आपने भी एक पुरानी कहावत सुनी होगी, कहा जाता है कि लहसुन में अगर एक औषधीय तत्व और होता तो लहसुन अमृत बन जाता...अब आप ही सोचिए कि अमृत ना सही लेकिन अमृत के आस-पास की खूबियां तो लहसुन रखता ही है।
इन तरीकों से करें लहसुन का सेवन

-यदि आप नियमित रूप से और सीमित मात्रा में दाल, सब्जी और चटनी में लहसुन का उपयोग करते हैं तो संक्रमण फैलानेवाले रोगाणु आपके पाचनतंत्र पर नकारात्मक असर नहीं कर पाते हैं। क्योंकि लहसुन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है।
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कच्चा टमाटर खाना है लाभकारी

-गर्मी और बरसात के मौसम में टमाटर की सब्जी सेहत के लिए उतनी लाभकारी नहीं होती है, जितना लाभ सर्दियों में इससे मिलता है। लेकिन कच्चा टमाटर सलाद के रूप में खाना, हर मौसम में लाभकारी होता है।
ऐंटिऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है टमाटर

-टमाटर ऐंटिऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। यह शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने, ब्लड का प्यूरिफिकेशन करने और संक्रामक रोगों से बचाने में सहायक है। इसलिए मॉनसून में सलाद और जूस के रूप में टमाटर का सेवन अवश्य करें।
लौकी का जूस

-लौकी का जूस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और पाचनतंत्र को सही करने का कार्य करता है। यदि आप सप्ताह में 3 से 4 बार लौकी के जूस का सुबह के समय सेवन करते हैं तो आपको अत्यधिक लाभ होगा।
-ध्यान रखें इस तरह के जूस एक बार में अधिक मात्रा में नहीं पिए जाते हैं। लौकी का जूस डायरिया, लूज मोशन, अपच इत्यादि से बचाता है। लौकी के जूस में काला नमक मिलाकर इसका सेवन करें। इससे इसके स्वाद और गुणों में वृद्धि होती है।
पुदीना है बहुत गुणकारी

-पुदीना उन कुछ चुनिंदा हर्ब्स में शामिल है, जो अपने अंदर ऐंटिफंगल और ऐंटबैक्टीरियल गुणों के साथ ही विटमिन-डी की भी कुछ मात्रा रखती हैं। दाल, चटनी, सलाद आदि में पुदीना का उपयोग करने से आप संक्रमित पानी के कारण होनेवाले रोगों से बच सकते हैं।
पुदीना अर्क लेने का तरीका

-आप चाहें तो पुदीने के जूस का भी सेवन कर सकते हैं। इसे तैयार करने के लिए आप 1 चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच पुदीना अर्क और इतना ही शहद डालें। इन सभी को आधा गिलास पानी में मिलाएं और घूंट-घूंट कर पी लें। ऐसा नियमित तौर पर करने से पाचनतंत्र को सही रखने में सहायता मिलती है।
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