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Gulkand For Mental Health: कोरोना काल में जरूर खाएं गुलकंद, रहें स्ट्रेस फ्री

July 31, 2020 at 10:18AM
गुलाब के फूलों का मौसम यूं तो सर्दियों में होता है और खासतौर पर फरवरी-मार्च में। लेकिन इस फूल की नाजुक पंखुड़ियों से तैयार गुलकंद को सालभर उपयोग किया जा सकता है। हालांकि तैयार गुलकंद को सालभर सहेजना आसान नहीं होता है, लेकिन अगर नहीं तो यहां जानें कि कैसे शारीरिक और मानसिक सेहत को बनाए रखते हैं गुलाब के फूल... कैसे बनाया जाता है गुलकंद गुलाब के फूलों की ताजा पंखुडियों को शक्कर या शुगर के मिलकार गुलकंद तैयार किया जाता है। जबकि आप इसे शहद के साथ मिलाकर भी तैयार कर सकते हैं। जब गुलाब की पंखुडि़यों को शुगर में मिलाकर 2 या 3 दिन के लिए हल्की धूप में रखते हैं तो शुगर और गुलाब की पंखुड़ियों का प्राकृतिक पानी मिलकर एक स्वादिष्ट पेस्टी फूड तैयार करते हैं। इसे ही गुलकंद कहा जाता है। आयुर्वेद में गुलकंद का महत्व आयुर्वेद में गुलकंद को औषधि की संज्ञा दी गई है। कई दवाइयों या कुछ खास बीमारियों में प्रभाव बढ़ाने के लिए गुलकंद खाने की सलाह दी जाती है। आयुर्वेद में फूलों के रस और उनके अलग-अलग गुणों का उपयोग अलग-अलग तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। आमतौर पर गुलकंद खाने का मौसम सर्दी को माना जाता है। इसकी एक वजह यह भी है कि इस मौसम में गुलाब के फूलों की खेती होती है और बड़ी में मात्रा में ताजा गुलकंद खाने के लिए उपलब्ध होता है। कोरोना काल में गुलकंद के फायदे कोरोना वायरस के कारण होनेवाली बीमारी कोविड-19 पूरी तरह से एक संक्रामक रोग है। यह आमतौर पर उस व्यक्ति को अपना शिकार बहुत जल्दी बनाता है, जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसे में गुलकंद खाने से आपको अपने शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी। गुलकंद में मिक्स शहद या शुगर का सीमित मात्रा में सेवन होने से शरीर में ग्लूकोज की कमी नहीं होगी और आप खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे। कब्ज दूर करे और जलन शांत करें अगर किसी को कब्ज की समस्या रहती है तो खाना खाने के बाद 1 से 2 चम्मद गुलकंद का सेवन किया जा सकता है। इससे आपका पाचन बेहतर होगा और कब्ज की समस्या दूर होती है। साथ ही अगर पेट में जलन, एसिडिटी या एसिड बनने की समस्या हो रही है, तब भी आप तुरंत राहत पाने के लिए 1 से 2 चम्मच गुलकंद खा सकते हैं। इससे आपको जल्द राहत मिलेगी। ध्यान रखें यह राहत पाने का तरीका है, बीमारी का इलाज नहीं। इसलिए अगर ऐसी दिक्कत बार-बार हो रही है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। स्किन को सुंदर बनाता है जिस तरह गुलाबजल लगाने से हमारी त्वचा की खूबसूरती बढ़ती है, उसी तरह गुलकंद खाने से भी हमारे शरीर की रंगत में निखार आता है। गुलकंद अपने जादुई गुणों के साथ हमारी त्वचा की सेल्स को अंदर से रिपेयर करता है। रोम छिद्रों को बंद करनेवाले अपशिष्ट पदार्थों को हटाने का काम करता है। साथ ही बढ़ती उम्र का असर हमारी त्वचा पर नहीं होने देता है। थकान और तनाव दूर करे गुलकंद खाने से नींद ना आने की समस्या में राहत मिलती है। गुलाब के फूल में ऐंटिऑक्सीडेंट्स के साथ ही प्लेजर हॉर्मोन्स को बढ़ानेवाले तत्व पाए जाते हैं। इस कारण यह मानसिक तनाव दूर करने में भी सहायक है। यदि आप दूध के साथ हर दिन गुलकंद का सेवन करेंगे तो शारीरिक थकान भी आप पर हावी नहीं हो पाएगी। आप खुद को अधिक ऊर्जावान अनुभव करेंगे।


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