मुंबई में बना मास्क खत्म कर देगा कोरोना वायरस, लैब ने दी हरी झंडी जानें कीमत

-मुंबई स्थित एक स्टार्टअप ने नैनोटेक्नॉलजी का उपयोग करते हुए कोरोना वायरस किलर मास्क तैयार किया है। खास बात यह है कि इस मास्क के उपयोग के बाद मास्क पर लगे कोरोना वायरस की ड्रॉपलेट्स से संक्रमण फैलने का खतरा भी पूरी तरह खत्म हो जाता है। साथ ही इस मास्क को इसकी वॉशिंग के आधार पर 60 से लेकर 150 बार तक उपयोग किया जा सकता है...
-साथ ही यह भी बताया जाता है कि मास्क उतारने का सही तरीका क्या होना चाहिए, किन मास्क को धुलकर उपयोग करना चाहिए और किन्हें नहीं...ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अगर आपके आस-पास कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति मौजूद होता है तो उसकी सांसों के जरिए यह वायरस ड्रॉपलेट्स के रूप में हवा में आ जाता है और फिर सांस या मुंह के जरिए आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है।
-इस स्थिति से बचने के लिए अगर आपने मास्क का उपयोग किया है तो वायरस मास्क की बाहरी परत पर चिपक सकता है, जो अगले कुछ घंटे तक जीवित रह सकता है। यदि मास्क उतारते वक्त आपसे जरा-सी भी चूक हुई तो यह वायरस आपको संक्रमित कर सकता है। साथ ही मास्क उतारने के बाद आपके लिए हाथ धोना बहुत जरूरी है। नहीं तो मास्क से हटकर आपके हाथ पर आया यह वायरस, हाथ मुंह या नाक पर लगने से शरीर के अंदर प्रवेश कर सकता है।
-अब मुंबई के स्टार्टअप थरमैसेंस ने जिस मास्क का निर्माण किया है, उस मास्क के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह मास्क ना केवल कोरोना वायरस को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है बल्कि मास्क की बाहरी परत पर चिपके वायरस को पूरी तरह मारने का काम भी करता है।
-इस मास्क के प्रति विश्वास इसलिए बढ़ गया है क्योंकि इसे भारतीय लैब सहित अमेरिकी लैब से भी अप्रूव कर दिया गया है। यानी इस मास्क को तैयार करनेवाले एक्सपर्ट्स की तरफ से जो दावे किए जा रहे हैं, यह मास्क उन सभी पर खरा उतरता है।
-मुंबई स्थित स्टार्टअप थरमैसेंस की तरफ से दावा किया गया है कि उनके द्वारा तैयार किए गए मास्क को International Organization for Standardization (आईएसओ) प्रमाणित अमेरिकी प्रयोगशाला और भारत में परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories(NABL) से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला द्वारा इन मास्क के उत्पादन और उपयोग के लिए अनुमति मिल गई है।
-अब आप यह जरूर जानना चाह रहे होंगे कि आखिर इन मास्क में ऐसी क्या विशेषता है कि इन पर चिपकने से वह कोरोना वायरस मर जाता है... तो इन मास्क को बनाने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये मास्क जिस कपड़े से बने हैं, उसमें नैनोटेक्नॉलजी का उपयोग किया गया है।
-इस मास्क को पहनने से केवल कोरोना ही नहीं बल्कि लगभग सभी तरह के अन्य वायरस और बैक्टीरिया भी खत्म हो जाएंगे। अमेरिकी लैब के अनुसार मुंबई में बना यह मास्क 5 मिनट में करीब 93 प्रतिशत कोरोना वायरस को मार देता है। वहीं एक घंटे के अंदर यह 99.99 प्रतिशत कोरोना वायस का खात्मा कर देता है। यानी लगभग 100 प्रतिशत कोरोना वायरस किलर।
-जानकारी के अनुसार, जब यह मास्क तैयार होकर मार्केट में आएगा तो इसकी कीमत 300 से 500 रुपए के बीच होगी। इस एक मास्क को कितनी बार उपयोग किया जा सकता है, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि इसे उपयोग करनेवाला व्यक्ति इस मास्क की धुलाई के लिए किस माध्यम का उपयोग कर रहा है।
-मास्क बनानेवाली टीम के अनुसार, इस मास्क को तैयार करने में जिस कपड़े का उपयोग किया गया है अगर आप इसे हाथ से धोकर उपयोग करते हैं तो इस मास्क को 150 बार तक धुलकर उपयोग किया जा सकता है। मशीन से आप इसे 100 से ज्यादा बार धो सकते हैं और अगर आप इसे कैमिकल वॉश, ब्लीच या ड्राईक्लीन जैसी प्रॉसेस से साफ कराते हैं तो यह 60 से अधिक धुलाई सह सकता है। (एएनआई इनपुट्स के साथ)
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