क्या आपको भी होती है ऐसा खाना खाने की इच्छा? संकेत अच्छे नहीं हैं

- जिन लोगों का बार-बार कुछ ना कुछ मीठा, हाई शुगर और डीप फ्राइड खाने का मन करता है, उन्हें अपने लाइफस्टाइल पर ध्यान देना चाहिए। ऐसा अक्सर तब होता है, जब व्यक्ति के पेट में कीड़े हो गए हैं, उसकी लाइफ में बहुत तनाव है या फिर शरीर में शुगर का स्तर गड़बड़ा रहा है।
-पेट में यदि कीड़े होने पर ऐसा होता है तो इस समस्या को आप भूख लगने और कमजोरी महसूस होने से भी पहचान सकते हैं। इसके साथ ही आपको प्राइवेट पार्ट्स में इचिंग और सेंसेशन की दिक्कत भी परेशान करने लगती है।
-जब शुगर से जुड़ी समस्या होती है तो आमतौर पर व्यक्ति को हर समय मीठा खाने की इच्छा होती है। पेशाब बहुत अधिक आने लगता है और एकाएक वजन बढ़ने लगता है। हालांकि कुछ अन्य केसेज में वजन में कमी आ सकती है और त्वचा में रूखापन महसूस हो सकता है।
-लेकिन अगर आपको इनमें से कोई दिक्कत नहीं है और अचानक मीठा खाने की लत बढ़ने लगी है तो आप समझ जाइए कि आपके जीवन में तनाव का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। क्योंकि जब हम तनाव में होते हैं और किसी काम पर फोकस करने का प्रयास करते हैं तो इस स्थिति में हमारे शरीर को काम करने के लिए अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए हमारा शरीर शुगर की डिमांड करता है और हमें मीठा खाने की इच्छा होती है।
-हमारे शरीर पर तनाव बहुत अधिक बुरा असर डाल रहा है और इस समय हावी होने का प्रयास कर रहा है, इस बात को आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि लाख कोशिश के बाद भी काम करने में आपका मन नहीं लग रहा है। आप बहुत अधिक प्रयास कर रहे हैं कि एकाग्र होकर जल्दी से अपना काम खत्म कर लें लेकिन आपकी सारी कोशिश असफल हो रही है।
-तनाव होने की स्थिति में व्यक्ति का मूड बार-बार बदलता है। कभी उसे तेज गुस्सा आता है तो कभी खुद ही खुश भी हो जाता है। दिमाग में लगातार अलग-अलग खयाल आते रहते हैं, इससे दिमाग कुछ ही समय में थक जाता है और फिर यह समस्या काम पर ध्यान केंद्रित करने में बाधा उत्पन्न करती है।
-हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समस्या से समाधान का एक बड़ा तरीका यह है कि आप खुद को शांत करने का प्रयास करें। ताजा पानी पिएं और कुछ देर के लिए खुद को हर चीज से अलग करके गहरी सांसें लें।
-संभव हो तो कुछ देर के लिए आंखें बंद करके लेट जाएं और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। इसके 10मिनट बाद एक बार फिर अपने काम पर ध्यान लगाएं। ऐसा एक बार करने से आपको लाभ नहीं होगा। यह एक आदत की तरह है। लगातार करने पर ध्यान एकाग्र करने में लाभ मिलेगा। इसके साथ ही आप मनोचिकित्सक को दिखाएं। क्योंकि कई बार स्ट्रेस या तनाव की वजह शरीर में हो रहे हॉर्मोनल बदलाव भी होते हैं।
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